अन्य पिछड़ा वर्ग के विभाग की लापरवाही और अधिकारियों की मनमानी के चलते छात्रवृत्ति का भुगतान पिछले 2 वर्ष से नहीं हुआ है। इन सब परेशानियों को लेकर प्राइवेट कॉलेज संचालकों ने कमिश्नर के नाम कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि विगत 2 वर्षों से विदिशा जिले के प्राइवेट महाविद्यालयों में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया है।
जिले के सत्र 2020 के प्रवेशित छात्रों को अभी तक छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हुआ है, जबकि सरकारी महाविद्यालयों का भुगतान 1 वर्ष पूर्व ही हो चुका है। इस भेदभाव पूर्ण रवैए के कारण महाविद्यालयों को तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ना तो महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को शिक्षण शुल्क प्राप्त हो रही है और ना ही विद्यार्थी परीक्षा फॉर्म या अन्य फॉर्म भर पा रहे हैं। जिस कारण हज़ारों विद्यार्थी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।
यदि विद्यार्थियों द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की जाती है तो विभाग द्वारा महाविद्यालयों पर दबाव बनाकर या ऐल 1 अधिकारी स्तर पर ही बजट नहीं होने का हवाला देकर स्वयं के स्तर पर शिकायत बंद कर दी जाती है और शिकायतकर्ता को न ही सूचित किया जाता है और न ही उसकी सहमति ली जाती है। कॉलेज संचालकों द्वारा शीघ्र अति शीघ्र छात्रवृत्ति का भुगतान करने की मांग कलेक्टर के समक्ष रखी गई। जिस पर जिलाधीश ने जल्द ही समस्या का समाधान कर छात्रवृत्ति भुगतान करने का आश्वासन प्राइवेट कॉलेज संचालकों को दिया।
बरसों से एक ही जगह जमे हैं जिले में पदस्थ अधिकारी
कॉलेज संचालकों का कहना है कि जिले में वर्षों से जिला मुख्यालय पर एक ही स्थान पर अधिकारी, कर्मचारी जमे हुए हैं जिनकी पकड़ इतनी मजबूत हो गई है की अब वह किसी की नहीं सुनते। अपने मन मर्जी से कार्य करते है और दिखावे के लिए खाना पूर्ति करते हैं। सीएम के गृह जिले में ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों की ऐसी दुर्दशा देखकर परेशान कॉलेज संचालकों ने कलेक्टर से संपर्क किया और वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
कॉलेज संचालकों ने लगाया भेदभाव का आरोप
ज्ञापन में कालेज संचालकों ने विभाग पर आरोप लगाते हुए कहाकि सरकारी कॉलेज के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति डालने के लिए विभाग के पास बजट है लेकिन प्राइवेट कॉलेज के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति डालने के लिए बजट नहीं है। यह भेदभाव पूर्ण रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा सिर्फ सरकारी महाविद्यालय के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भुगतान करने के चक्कर में डेढ़ करोड़ के आसपास बजट भी लेप्स करा दिया है। जिसके चलते बजट की तकरीबन डेढ़ करोड़ राशि वापस सरकार के खाते में चली गई है जबकि विदिशा जिले में हजारों विद्यार्थी छात्रवृत्ति का इंतजार कर रहे थे।
शीघ्र ही छात्रवृत्ति भुगतान का आश्वासन
अशासकीय महाविद्यालय संघ की तरफ से अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में कॉलेज संचालक एवं विद्यार्थी कलेक्टर के सम्मुख प्रस्तुत होकर अपनी समस्या जिलाधीश के सामने रखी। जिनमें यशवंत प्रताप सिंह राठौर, डॉ. विनोद कुमार, आनंद सरण, राजेश अलंकार, योगेश श्रीवास्तव, अल्केश शर्मा, मुरारी सिंह ठाकुर, लखन लोधी उपस्थित रहे। वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को भारतीय जनता पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग प्रदेश अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाह से संपर्क करना पड़ा। उनकी गैर मौजूदगी में दीपक सिंह नरवरिया ने विद्यार्थियों से बात की तथा शीघ्र अति शीघ्र छात्रवृत्ति भुगतान का आश्वासन दिया गया।