यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत शनिवार को 11 फ्लाइट्स आएंगी। इनमें 2,200 से अधिक भारतीयों को वापस लाया जाएगा। इन फ्लाइट्स में से 10 दिल्ली में और एक मुंबई में उतरेगी। सुबह 8 बजे तक वायुसेना के तीन C-17 कार्गो विमान 629 भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंच गए हैं। रोमानिया के सुसिआवा से 229 भारतीयों को लेकर इंडिगो का एक विमान भी सुबह करीब 7 बजे दिल्ली पहुंचा था।
स्टूडेंट्स के लिए राहत भरी खबर
उधर यूक्रेन में अपनी मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत लौट रहे स्टूडेंट्स के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन ने बड़ी राहत दे दी। फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) पास करने वालों को देश में इंटर्नशिप के लिए फीस नहीं देनी होगी। कमीशन के उपसचिव शंभु शरण कुमार ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किया। साथ ही विदेश से पढ़कर आने वाले छात्रों के लिए इंटर्नशिप की 7.5% सीटें तय की गई हैं।
अब 18 नवंबर 2021 से पहले विदेश से एमबीबीएस करने वाले स्टूडेंट्स को भारत में आकर एक साल की इंटर्नशिप करनी होगी। अब तक केवल दिल्ली में इंटर्नशिप फीस नहीं देनी पड़ती थी।
भारत यूक्रेन के पड़ोसी देशों रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड से विशेष उड़ानों के जरिए अपने नागरिकों को निकाल रहा है। रूस के हमले के कारण यूक्रेन का हवाई क्षेत्र 24 फरवरी से ही बंद है।
भारतीय एम्बेसी चलाएगी बसें
यूक्रेन में इंडियन एम्बेसी ने कहा है कि वह युद्ध वाले इलाके खार्किव और पिसोचिन में फंसे स्टूडेंट्स को निकालने में लगी है। खार्किव से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को निकाला भी जा चुका है। पिसोचिन से स्टूडेंट्स को निकालने के लिए भारत सरकार के खर्च पर शनिवार को बसें चलाई जाएंगी।
मुश्किल स्थितियों के बाद भी खार्किव और पिसोचिन में फंसे स्टूडेंट्स के लिए भोजन और पानी पहुंचाया गया है। खार्किव में करीब 300 भारतीय अब भी फंसे हैं।
अब तक 48 फ्लाइट् से लौटे 10 हजार से अधिक भारतीय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि पिछले 24 घंटे में यूक्रेन से भारतीयों को लेकर 18 विमान भारत पहुंचे हैं। इनसे करीब 4 हजार भारतीयों को वापस लाया गया है। अब तक कुल 48 फ्लाइट्स में 10 हजार 348 भारतीयों को वापस लाया जा चुका है।
रिजिजू स्लोवाक पीएम से मिले
ऑपरेशन गंगा की निगरानी के लिए स्लोवाकिया पहुंचे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वहां के पीएम एडुअर्ड हेगर से मुलाकात की। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से भारतीयों को निकालने में सहयोग देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
सरजमीं पहुंचते ही छलक पड़े आंसू
फर्स्ट ईयर स्टूडेंट दिव्यांशी को रोमानिया बॉर्डर पर तीसरे दिन भीड़भाड़ में लोगों ने कुचल दिया। वह बोलीं, ‘लोग मेरे सिर, कंधों को रौंदते हुए आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। जब हम रोमानिया बॉर्डर क्रॉस कर चुके थे, तब हमें इंडियन एम्बेसी के लोग मिले।’ ये बोलते हुए उनकी आंखों से आंसू आ गए, गला भर आया