121 साल पुराने रामलीला मेले का इतिहास इस बार बदला जा रहा है। मकर सक्रांति से शुरू हुई रामलीला मेले का समापन रावण दहन के साथ हो गया था। कोरोना के चलते मेले में किसी भी व्यापारियों को परमिशन नहीं दी गई थी। यही कारण हैं कि 2 साल से रामलीला मेला एक रस्म अदायगी होकर रह गया था। इस बार व्यापारियों की मांग पर 25 फरवरी से मेला शुरू होगा। यह पहला मौका है, जब 121 वर्षों से चली आ रही परंपरा में बदलाव हुआ है।
जिला कलेक्टर और श्रीरामलीला मेला समिति अध्यक्ष उमाशंकर भार्गव की अध्यक्षता में विदिशा उपखंड मजिस्ट्रेट और मेलाधिकारी गौपाल सिंह वर्मा की उपस्थिति में श्रीरामलीला मेला समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयेाजित की गई। जिसमें व्यापारियों की मांग पर चर्चा हुई और मेला 2022 लगाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। रामलीला मेला समिति के मानसेवी सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि 18 फरवरी से पंजीयन शुरू हो जाएंगें। रामलीला का मंचन पहले ही हो चुका है। मेले के दौरान संस्कृति कार्यक्रम करने पर मंथन हो रहा है। झूले वाले शनिवार से आना शुरू हो जाएंगेें।
मेला में दुकाने लगाने के लिए दुकानदारों की रसीदें 18 फरवरी 2022 से 22 फरवरी 2022 तक 05 दिन तक समिति कार्यालय में काटी जाएगी। इस साल भी भूमि का किराया यथावत रहेगा। वहीं विघुत दरों में वृद्धि के चलते मीटर किराया राशि 2500 रु की जगह 2800 रुपए जमा होगी। कोरोना नियमों और गाइडलाइन का पालन करते हुए व्यापारियों को दुकाने लगाने की अनुमति दी जाएगी।