Tuesday, September 23

MP के मेडिकल कॉलेजों में CT-MRI का टेंडर रद्द:डेढ़ साल में भी कंपनी लगा नहीं पाई मशीनें; इंदौर, जबलपुर समेत प्रदेश के 9 कॉलेजों में लगनी थी

प्रदेश के 9 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन (कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी स्कैन) और एमआरआई (मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन) की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बीते डेढ़ साल से कवायद चल रही थी। दिसंबर 2020 में इसका टेंडर टेलीवास्को कंपनी को मिला था। करीब एक साल की जद्दोजहद के बाद सीटी स्कैन, एमआरआई मशीनें लगाने वाला टेंडर कैंसिल कर दिया गया है। वास्को टेलीरेडियोलॉजी कंपनी द्वारा समय पर मशीनें न लगाने पर चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने ये आदेश जारी किया है। अब नए सिरे से टेंडर बुलाए जाएंगे। इस प्रक्रिया से फिर सीटी, एमआरआई की सुविधा शुरू होने में देर लगेगी।

इन मेड़िकल कॉलेजों में लगनी थी सीटी स्कैन मशीनें

चिकित्सा शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेजों में 128 स्लाइस (विथ 64 रो ऑफ डिटेक्टर) वाली सीटी स्कैन मशीनें लगाई जानी थीं। विदिशा, जबलपुर, शहडोल, इंदौर, खंडवा, रतलाम, सागर, दतिया और शिवपुरी के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन मशीनें लगनी थी।

यहां लगनी थी 1.5 टेस्ला एमआरआई

विदिशा, शहडोल, खंडवा, रतलाम, सागर, दतिया और शिवपुरी मेडिकल कॉलेज।

इन मेड़िकल कॉलेज में लगनी थी 3 टेस्ला एमआरआई मशीनें

नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर, एमवायएच मेडिकल कॉलेज इंदौर।

MP में तीन तरह की MRI मशीनों से होती है जांच

एमपी में एमआरआई की तीन तरह की मशीनों से जांच होती हैं. 1 टेस्ला, 1.5 टेस्ला और 3 टेस्ला । एमआरआई मशीनों में टेस्ला वो यूनिट है जिसमें मशीन की क्षमता को मापा जाता है। 3 टेस्ला यूनिट की क्षमता वाली एमआरआई मशीन लोहे की पूरी अलमारी को अपनी ओर खींचने की ताकत रखता है। यानी मशीन जितनी ज्यादा टेस्ला वाली होगी, उतना ही ज्यादा होगा उसका मैगनेटिक फील्ड।

सीटी स्कैन और एमआरआई में अंतर

MRI और CT Scan मशीनें देखने में तो एक जैसी ही होती हैं और काम करने का तरीका भी तकरीबन एक जैसा ही होता है लेकिन इन दोनों के बीच एक बहुत बड़ा अंतर है। जी हां, जहां एक तरफ MRI मशीन रेडियो तरंगों के जरिए काम करती है तो वहीं CT Scan मशीन एक्स-रे के जरिए काम करती है। किसी भी प्रकार की जांच के लिए ये दोनों ही प्रक्रियाएं कम जोखिम वाली हैं। इसके अलावा अलग-अलग परिस्थितियों में ये दोनों ही मशीनें अपने काम में सर्वश्रेष्ठ हैं। MRI मशीन काफी शोर करती है, इसलिए मरीज की सुविधा को देखते हुए उन्हें हेडफोन या ईयर प्लग जैसी चीजें दी जाती हैं, ताकि वे मशीन के शोर से परेशान न हों। MRI मशीनों की तुलना में CT Scan मशीन में ज्यादा आवाज नहीं होती है।