विदिशा के ग्राम छीरखेड़ा का एक 70 वर्षीय बुजुर्ग किसान भंवरलाल अहिरवार आधार कार्ड में अपने नाम की स्पेलिंग सही कराने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहा हैं, जिस कारण उसे दो साल से प्रधानमंत्री सम्मान निधि राशि नहीं मिली। तहसीलदार केएन ओझा ने इस बुजुर्ग की परेशानी को गम्भीरता से लेते हुए सम्मान निधि के पोर्टल में उसके नाम को सही जोड़ दिया । अब उसे क़िस्त मिलना शुरू हो जाएगी।
केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए किसान सम्मान निधि की शुरुआत की थी। इसी योजना में चार बीघा जमीन के किसान छीरखेड़ा निवासी भवरलाल का पंजीयन हुआ था। उसे पंजीयन के बाद शुरुआत में तो सम्मान निधि की राशि मिली लेकिन उसके बाद आधार कार्ड अनिवार्य कर देने से उसकी किश्त अटक गई। भवरलाल के आधार कार्ड पर भम्वर लाल लिखा हुआ था जबकि पंजीयन के पोर्टल पर भवरलाल अंग्रेजी में लिखा था। इस नाम में अंग्रेजी का एम शामिल नहीं था, जिसकी वजह से पोर्टल पर भवरलाल की सम्मान निधि की राशि प्रदर्शित नहीं हो रही थी। बुजुर्ग भवरलाल दो साल से अधिक समय से बैंक और तहसील के चक्कर लगाते रहा लेकिन कोई अधिकारी उसकी समस्या समझने को तैयार नहीं थे। दो दिन पहले विदिशा तहसीलदार ग्रामीण केएन ओझा फसल गिरदावरी के सत्यापन के लिए छीरखेड़ा गए थे। वहां उन्हें भवरलाल ने अपनी परेशानी बताई थी। जिस पर ओझा ने उसे तहसील कार्यालय बुलवाया। यहां जब दस्तावेजों की जांच की तो एम का चक्कर समझ आया। ओझा ने बताया कि उन्होंने किसान सम्मान निधि के पोर्टल पर आधार कार्ड में दर्ज नाम के अनुसार उसका नाम सुधार दिया है। अब उनका नाम पोर्टल पर दिखाई देने लगा है। अगली बार से उन्हें सम्मान निधि की राशि मिलने लगेगी।