सिरोंज में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में करोड़ों के घोटाले के आरोपी मुख्य कार्यपालन अधिकारी शोभित त्रिपाठी और दो कम्प्यूटर आपरेटरों को ईओडब्ल्यू ने गुरूवार को गिरफ्तार किया था। शोभित की गिरफ्तारी होने के बाद गुरुवार को उनकी ओर से न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन लगाया गया था। याचिका को लेकर न्यायालय ने आज सुनवाई करते हुए जमानत याचिका निरस्त किया।
आर्थिक अपराध शाखा भोपाल ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 ए, 409 ए, 467 ए, 468 ए, 471 ओर 120 बी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 और संशोधित अधिनियम 2018 के तहत आरोपी मुख्य कार्यपालन अधिकारी शोभित त्रिपाठी और कंप्यूटर ऑपरेटर योगेंद्र शर्मा और हेमंत साहू को भोपाल में 3 फरवरी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया था । तीनों आरोपियों की तरफ से जमानत आवेदन प्रस्तुत किए गए। जमानत का विरोध विशेष लोक अभियोजक ज्योति गोयल द्वारा यह कहकर किया गया कि आरोपियों ने गंभीर अपराध किया है। जहां लोग पुत्रियों का विवाह कराते हैं। कन्यादान करने के लिए उत्सुक रहती हैं। वहीं आरोपियों ने इस विवाह योजना में करोड़ों का घोटाला करने का तर्क देते हुए उनकी जमानत निरस्त किए जाने का निवेदन किया था। न्यायालय प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने विशेष लोक अभियोजक ज्योति गोयल के तर्क से सहमत होकर आरोपियों की जमानत निरस्त करके जेल भेज दिया।