Tuesday, September 23

समझाइश:संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा, त्रिकुट काढ़े का करें उपयोग

बिसनपुर गांव में आयुर्वेदिक औषधालय मसूदपुर एवं पीकलोन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए ग्रामीणों से सर्दी के दौरान त्रिकुट काढ़ा सुबह शाम पीने की सलाह दी गई। इसे बनाने की सरल विधि भी बताई गई। डॉक्टर शिवाजी चतुर्वेदी ने बताया कि त्रिकूट चूर्ण सोंठ, काली मिर्च और पीपल को बराबर बराबर मात्रा में मिलाकर कूट पीसकर बनाया जाता है।

इससे सर्दी से सुरक्षा होती है शरीर में प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। शिविर के दौरान 38 पुरुष, 32 महिला, 5 बालक और 9 बालिकाओं सहित कुल 84 ग्रामीणों का उपचार किया गया। शिविर में वात रोग, उदर रोग, सर्दी खांसी, सिर दर्द, श्वेत प्रदर, कमजोरी, चक्कर आना, बवासीर, श्वास रोग, पथरी, उच्च ब्लड प्रेशर के रोगियों की जांच कर उनको निशुल्क आयुर्वेदिक दवाएं दी गई।

ग्राम विशनपुर पंचायत भवन में आयोजित आयुर्वेद चिकित्सा शिविर में फार्मासिस्ट अनिल कुशवाह ने सभी रोगियों और उनके परिजनों को उचित आहार करने, नियमित दिनचर्या और शारीरिक व्यायाम करने से हमेशा स्वस्थ्य रहने की सलाह दी। प्रदेश में फिर से बढ़ते कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा उपायों का पालन करने की सलाह दी। रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए त्रिकूट काढ़ा के 40 पैकेटों का वितरण किया। इस मौके पर रमेश गुजराती, इम्तियाज खान और आशा कार्यकर्ता अजब बाई ने सहयोग किया।