जिले में पहले चरण में चिन्हित सात सीएम राइज स्कूलों को आकार देने की कवायद अब शुरू होने जा रही है। ये स्कूल केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर खोले जाना है। इन सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को निजी स्कूलों जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं और बेहतर शिक्षा का माहौल मिलेगा। यहां हिंदी-अंग्रेजी दोनों माध्यम में बच्चे पढ़ सकेंगे।
खास बात यह है कि ये स्कूल विश्वस्तरीय सुविधाओं जैसे कि स्वीमिंग पूल, बैंकिंग काउंटर, डिजिटल स्टूडियो, कैफेटेरिया, जिम, थिंकिंग एरिया से लैस होंगे। यही नहीं इन स्कूलों में स्टाफ के लिए जहां रेसीडेंशियल क्वार्टर होंगे, वहीं दूर क्षेत्र के बच्चों के लिए हास्टल और परिवहन के लिए बस या वैन सुविधा भी मिलेगी।
सीएम राइज स्कूल प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। सीएम राइज स्कूल खोलने का मुख्य उद्देश्य बच्चों का ज्ञान, कौशल बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें भारतीय संस्कृति और संस्कारों की शिक्षा दी जाना है। जिले में प्रस्तावित सीएम राइज स्कूलों में पढ़ाने के लिए योग्य शिक्षकों सहित प्राचार्य की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है। शिक्षकों की जहां चयन परीक्षा हो चुकी है, वहीं सबसे पहले भर्ती के लिए प्राचार्यों के साक्षात्कार लिए जाएंगे।
निर्माण कार्य का जिम्मा पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को सौंपा
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अगले दो साल के भीतर प्रथम चरण के लिए चिन्हित स्कूलों को शुरू कराने का लक्ष्य रखा है। सीएम की मंशा के तहत जल्द से जल्द इन स्कूलों को विकसित कराने के लिए जिला शिक्षा विभाग ने प्लान तैयार कर शासन को भेज दिया है। शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए प्लान का मौका मुआयना करने के लिए एक सप्ताह के भीतर दिल्ली की आर्किटेक्ट टीम जिले में आएगी। यह टीम स्कूलों में कहां क्या और कैसे निर्माण किए जाना है यह तय करेगी। उल्लेखनीय है कि सीएम राइज स्कूलों का निर्माण कार्य का जिम्मा पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को सौंपा गया है।
जिले में 3 एकड़ से 10 एकड़ तक के एरिया वाले 200 स्कूल चिन्हित
जिला शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार मुदगिल ने बताया कि जिले में 200 स्कूलों को सीएम राइज के लिए एप्रूव्ड हो चुके हैं। इन सभी स्कूलों का एरिया 3 एकड़ से लेकर 10 एकड़ तक का है। इनमें से पहले चरण में हर ब्लाक में एक-एक स्कूल याने 7 स्कूलों को विकसित किया जा रहा है। इनमें विदिशा का बरईपुरा हायर सेकंडरी स्कूल, बासौदा में राजेंद्र नगर स्थित शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल सहित अन्य सभी ब्लाक में संचालित एक्सीलेंस स्कूलों को सीएम राइस स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीएम राइज स्कूल के लिए कम से कम तीन से चार एकड़ जमीन की आवश्यकता है।
खासियत: स्मार्ट क्लास, डिजिटल लर्निंग सहित 8 सुविधाएं बच्चोंं को मिलेंगी
सीएम राइज विद्यालयों की 8 प्रमुख विशेषताएं होंगी। इन स्कूलों में बेहतर अधोसंरचना होगी। इसके अलावा बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर तक लाने-जाने के लिए सरकार बस और वैन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा निजी स्कूलों की तर्ज पर नर्सरी, केजी कक्षाएं भी संचालित होंगी। पर्याप्त शिक्षक एवं अन्य स्टाफ रहेगा। इसके अलावा स्कूल में स्मार्ट क्लास एवं डिजिटल लर्निंग, सुसज्जित प्रयोगशालाएं एवं पुस्तकालय, व्यावसायिक शिक्षा की सुविधा भी रहेगी। साथ ही बच्चों की पढ़ाई को लेकर संस्था में अभिभावकों की भी सहभागिता ली जाएगी।