Tuesday, September 23

BJP ने मंत्री अजय मिश्रा को किया दिल्ली तलब:दिल्ली में आज हाईकमान के सामने पेश होंगे, लखीमपुर कांड की SIT रिपोर्ट पर राहुल बोले- गृह राज्यमंत्री का इस्तीफा जरूरी

लखीमपुर हिंसा मामले में SIT की रिपोर्ट आने के बाद बुधवार को लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी सांसद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष के खिलाफ आक्रामक नजर आए। सदन में गृह राज्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की गई और नारेबाजी करते हुए तख्तियां लहराई गईं, लेकिन सरकार ने इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया।

उधर, लखीमपुर मंत्री अजय मिश्रा बेटे पर बढ़ाई गईं धाराओं को लेकर पूछे गए सवाल पर भड़क गए। उन्होंने पत्रकार पर तैश दिखाया। इसी बीच सूत्रों का कहना है कि भाजपा हाईकमान ने अजय मिश्रा को दिल्ली तलब कर लिया है। अजय मिश्रा लखीमपुर से दिल्ली रवाना हो गए हैं। वह दिल्ली पहुंच गए हैं। आज वह पार्टी हाईकमान के सामने पेश हो सकते हैं।

राहुल गांधी का स्थगन प्रस्ताव नामंजूर

बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि SIT की रिपोर्ट के बाद हम इस मामले को सदन में उठाना चाहते हैं। हमने कहा है कि इस पर कम से कम संसद में चर्चा तो होनी चाहिए, लेकिन चर्चा की अनुमति नहीं मिल रही है। मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) का इस्तीफा तो होना ही चाहिए।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर राहुल गांधी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। हम मांग करते हैं कि सरकार केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करे। वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के. सुरेश ने अजय मिश्र से तुरंत पद छोड़ने की मांग की, ताकि लखीमपुर खीरी हिंसा में निष्पक्ष जांच की जा सके और किसानों को न्याय दिलाया जा सके।

TMC सांसद सुष्मिता देव ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर राज्यसभा में चर्चा की मांग को लेकर नोटिस दिया है। बता दें कि आज से UP विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी शुरू हुआ है, जिसमें सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया है।

हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया, लेकिन हंगामा नहीं थमा। अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। साथ ही राहुल गांधी का स्थगन प्रस्ताव भी नामंजूर कर दिया।

मंत्री मिश्रा जांच प्रभावित नहीं कर सकते
उधर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों से कहा कि लखीमपुर हिंसा प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए संसद में बहस नहीं हो सकती है। उन्होंने संसदीय नियमों का हवाला देते हुए कहा कि विचाराधीन मामलों पर सदन में चर्चा करने की इजाजत नहीं है। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अजय मिश्रा जांच को प्रभावित नहीं कर सकते। सरकार चाहती है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो, विपक्ष को भी यही चाहिए।

हत्या की धाराएं बढ़ाने की अपील की

तिकुनिया कांड के 70 दिन बाद मामले की जांच कर रही जांच टीम ने माना है कि 3 अक्टूबर को हुआ खूनी संघर्ष दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह हत्या की सोची-समझी साजिश थी। 70 दिन बाद सोमवार को जांच टीम की तरफ से CJM अदालत में पेश हुए मुख्य विवेचक विद्याराम दिवाकर ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मुख्य आरोपी आशीष मिश्र सहित सभी 13 आरोपियों पर से दुर्घटना की धारा हटाने और हत्या की कोशिश समेत अन्य धाराएं बढ़ाने की अपील की थी, जिस पर कोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था।

बचाव पक्ष की दलीलें कोर्ट ने खारिज की
बचाव पक्ष के वकील अवधेश सिंह ने दलील दी है कि घटना के दौरान हथियार की बरामदगी दो ही लोगों के पास से हुई। इसलिए सभी आरोपियों के खिलाफ 3/25 (30) आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। जिसे कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया और जांच अधिकारी की अर्जी को सही मानते हुए जांच जारी रखने के आदेश दिए हैं।

ये हैं लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी
आशीष मिश्र ‘मोनू’, लवकुश, आशीष पांडे, शेखर भारती, अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, शिशुपाल, नंदन सिंह बिष्ट, सत्यम त्रिपाठी, सुमित जायसवाल, धर्मेंद्र बंजारा, रिंकू राना और उल्लास उर्फ मोहित।