- एक साथ 60% भरने पर 100% पेनाल्टी और 40% मूल राशि माफ करने का प्रावधान
- कंपनी कार्यालय के सामने कांग्रेस का प्रदर्शन, उपभोक्ताओं ने दिखाए नोटिस
कोरोना काल में एक किलोवॉट तक के उपभोक्ताओं को राहत देने के बाद अब उनसे आसान किश्तों पर बिजली बिल की वसूली के लिए समाधान योजना शुरू की गई है। इस योजना के लिए जिले के 1.50 लाख से उपभोक्ता पात्र हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 29 हजार उपभोक्ताओं ने ही योजना का लाभ लेने आवेदन दिया है। योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तारीख 15 दिसंबर है। वहीं समाधान योजना के तहत लोगों को नोटिस दिए हैं, उसके विरोध में मंगलवार को बिजली कंपनी कार्यालय के सामने कांग्रेस पार्टी ने प्रदर्शन किया। इस दौरान परेशान बिजली उपभोक्ता भी मौजूद रहे।
नाराज लोगों ने बिजली कंपनी के विरोध में प्रदर्शन किया। असंगठित कामगार कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजय कटारे ने कहा कि बिजली कंपनी कार्यालय दलाली का अड्डा बन चुका है। लोगों को हजारों रुपए के बिल जारी होते हैं और कोई सुनवाई नहीं होती। दलाली दे दो तो बिल की राशि कम हो जाती है। बकायादार उपभोक्ताओं की शाम को 6 बजे लाइनमैन बिजली काट देता है। फिर कम से कम बिल की आधी राशि जमा करने का नियम बताते हैं।
किसी करीब की लाइट काटी तो मैं खुद जोड़ने आउंगा: विधायक शशांक
मंगलवार को पुराना अस्पताल रोड स्थित बिजली कंपनी कार्यालय का कांग्रेस ने घेराव किया। विधायक शशांक भार्गव के नेतृत्व में सैकड़ों लोग जुटे और कंपनी के खिलाफ अपनी नाराजी जाहिर की। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विधायक शशांक भार्गव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोरोना काल के मई, जून, जुलाई 2020 के बिल माफ करने की घोषणा की थी। फिर कुछ दिन बाद बोले बिल माफ नहीं होंगे, सिर्फ स्थगित हुए है। अब वही माफ की हुई राशि के बिल पर भारी-भरकम पैनाल्टी जोड़कर 15 दिसंबर तक जमा करने के नोटिस दे दिए।यह आम जनता के साथ धोखाधड़ी है। जब वे विपक्ष में थे तब इसी विदिशा में 11 दिसंबर 2019 को जनता से बिल नहीं भरने की अपील करके गए थे। मैं भी उसी सदन का सदस्य हूं जिस सदन के मुखिया मुख्यमंत्री हैं। मैं भी जनता से वायदा करता हूं आपके बिल माफ कराने की लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लडूंगा। बिजली विभाग के कर्मचारी किसी गरीब की लाइट काटने गए तो जोड़ने मैं जाउंगा।
तीन उदाहरण से समझिए बिजली बिल की हकीकत
पूरा बिल जमा, इसके बाद भी नोटिस
बिजली कंपनी कोरोना काल में एक किलोवॉट तक के उपभोक्ताओं को राहत देने की बजाय अब परेशान कर रही है। जिले के एक किलोवॉट तक के उपभोक्ताओं को नोटिस दे रही है। अफसरों का कहना है कि ये नोटिस नहीं बल्कि सूचना पत्र हैं। पूरन पुरा निवासी आहिद खान को नवंबर महीने में 28 हजार 995 का नोटिस दिया गया था। आहिद का कहना है कि वे पूरा बिल जमा कर रहे थे। पिछला बकाया भी नहीं थी। जब कार्यालय जाकर बिल की जांच कराई तो बिल शून्य था। ऐसा इसलिए कि उन्होंने बराबर हर महीने बिल जमा किया था।जिले में एक किलोवॉट तक के 2 लाख 80 हजार उपभोक्ता
बिजली कंपनी के जीएम अंकुर सेठ ने बताया कि एक किलोवाट तक के जिले में 2 लाख 80 हजार उपभोक्ता हैं। इनमें से 1.50 लाख उपभोक्ता समाधान योजना के पात्र हैं। अब तक 29 हजार लोगों ने आवेदन दिए हैं। फिलहाल राज्य सरकार ने अंतिम तिथि आगे नहीं बढ़ाई है। यदि निर्धारित तिथि तक शेष बचे उपभोक्ताओं में से जो भी आवेदन नहीं करेगा, उन्हें 30 अगस्त 2020 को अस्थगित की गई पूरी राशि भरना पड़ेगी। इसमें किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।एक कमरे में रहने वाले परिवार से मांगे 20 हजार बिजली कंपनी ने शहर के 14 हजार से ज्यादा लोगों को नोटिस दिए हैं। करैया खेड़ा रोड, बक्सरिया, रायपुरा, जतरा पुरा आदि क्षेत्र में ज्यादातर मजदूर तबके के लोग रहते हैं। यहां भी लोगों के हजारों रुपए के नोटिस दिए गए हैं। जतरा पुरा के खुमानसिंह का कहना है कि उनके पास मात्र एक कमरा है। उन्हें 20 हजार रुपए का नोटिस दिया गया है।