
अमर शहीद बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस समारोह को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री दोपहर 3 बजे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हो गए। इससे पहले उन्होंने मंच पर विपक्ष पर निशाने साधे। उन्होंने आदिवासियों को अंधेरे में रखने के लिए आजादी के बाद की सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद की सरकारों ने आदिवासियों की समृद्ध विरासत के बारे में देश को नहीं बताया। इससे पहले उन्होंने सम्मेलन में लाखों की संख्या में आए आदिवासियों का उन्हीं की बोली में स्वागत करते हुए कहा- हूं तमारो स्वागत करूं। उन्होंने आदिवासियों को एक मिनट तक उन्हीं की बोली में संबोधित किया।
इससे पहले मंच पर प्रधानमंत्री के स्वागत में उन्हें जनजातीय वेशभूषा पहनाई गई। आदिवासी वर्ग के नेताओं ने उन्हें झाबुआ से लाई गई पारंपरिक जैकेट और डिंडोरी से बुलाया गया साफा पहनाया गया। स्वागत के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने उनके पैर छूने की कोशिश की तो प्रधानमंत्री ने उन्हें रोक दिया।
मोदी के भाषण की प्रमुख बातें
- पीएम ने कहा कि आज का दिन पूरे देश के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज भारत अपना पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। आजादी के बाद देश में पहली बार, इतने बड़े पैमाने पर पूरे देश के जनजातीय समाज की कला, संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को गौरव के साथ याद किया जा रहा है।
- मेरा ये अनुभव रहा है कि जीवन के महत्वपूर्ण कालखंड को मैंने आदिवासियों के बीच बिताया है। जीवन जीने का कारण, जीवन जीने के इरादे को आदिवासी परंपरा बखूबी प्रस्तुत करती है।
- मुझे खुशी है कि मध्य प्रदेश में जनजातीय परिवारों में तेजी से मुफ्त टीकाकरण भी हो रहा है। दुनिया के पढ़े-लिखे देश में भी टीकाकरण पर सवालिया निशान लगाने को लेकर भी खबरें आती हैं। लेकिन, मेरे आदिवासी भाई-बहन टीकाकरण के महत्व को समझते हैं। पढ़े-लिखे लोगों को आदिवासियों से सीखना चाहिए।
- आज यहां भोपाल आने से पहले रांची में बिरसा मुंडा स्वतंत्रता सेनानी म्यूजियम का लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला। आजादी के नायकों की वीर गाथाएं देश के सामने लाना हमारा कर्तव्य है। गुलामी के कालखंड में विदेश शासन के खिलाफ मीजो आंदोलन, कोल आंदोलन समेत कई संग्राम हुए। गौंड महारानी वीर दुर्गावाती का शौर्य हो या फिर रानी कमलापति का बलिदान, देश इन्हें भूल नहीं सकता। वीर महाराणा प्रताप के संघर्ष की परिकल्पना भील बहादुरों के बिना नहीं की जा सकती।
- जनजातीय सम्मेलन पर कुछ लोगों को हैरानी होती है। ऐसे लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि जनजातीय समाज का भारत की संस्कृति को मजबूत करने में कितना बड़ा योगदान रहा। देश को अंधेरे में रखा गया। अगर बताया भी गया तो बहुत ही सीमित दायरे में जानकारी दी गई। आजादी के बाद इतने दशक तक सरकार चलाने वालों ने अपने स्वार्थ को प्राथमिकता दी।
- गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने वहां पर जनजातीय समाज में बदलाव के लिए बहुत सारे अभियान शुरू किए। जब देश ने मुझे 2014 में आपकी सेवा का मौका दिया तो मैंने जनजातीय समुदाय के हितों को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा। आज सही मायने में आदिवासी समाज को देश के विकास में भागीदारी दी जा रही है।
- पहले की सरकारों में आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी राजनैतिक इच्छाशक्ति नहीं थी। बहुत कम थी। आदिवासी सृजन को बाजार से नहीं जोड़ा गया। पहले की सरकारें सिर्फ 8-10 वनोपज पर एमएसपी दिया करती थीं। आज 90 पर हमारी सरकार दे रही है।
- हमारी सरकार ने जंगल को लेकर भी संवेदनशील कदम उठाए। राज्य में 20 लाख जमीन के पट्टे देकर जनजातीय भाइयों की चिंता दूर की। आदिवासी बच्चों की शिक्षा पर भी बल दे रही है। हमारा लक्ष्य साढ़े सात सौ एकल्वय मॉडल स्कूल खोलने का है।
- सात साल पहले हर छात्र पर सरकार करीब 40 हजार खर्च करती थी, जो आज बढ़कर एक लाख से अधिक हो चुका है। इससे जनजातीय छात्र-छात्राओं को अधिक सुविधा मिल रही है। केंद्र सरकार हर साल स्कॉलरशिप भी दे रही है। उच्च शिक्षा और रिसर्च से जोड़ने के लिए भी अभूतपूर्व काम किया जा रहा है।
- जनजातीय समाज के बच्चों को एक बहुत बढ़ी दिक्कत भाषा की भी होती थी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पढ़ाई स्थानीय भाषा में होगी। इसका लाभ हमारे बच्चों को मिलना तय है।
- जनजातीय समाज के आत्मविश्वास के लिए, अधिकार के लिए हम दिन-रात मेहनत करेंगे। हम इस संकल्प को फिर दोहरा रहे हैं कि जैसे हम गांधी जयंती मनाते हैं, सरदार पटेल की जयंती मनाते हैं, वैसे ही भगवान बिरसा मुंडा की जयंती हर साल जनजातीय गौरव दिवस के रूप में पूरे देश में मनाई जाएगी।
शिवराज सिंह चौहान के भाषण की बड़ी बातें
- मुख्यमंत्री ने करीब 20 मिनट भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने भारत माता के जयघोष के बाद भगवान बिरसा कहकर शुरुआत की। रानी कमलापति की जीवनी सुनाई। वैक्सीन, डीजल पेट्रोल पर टैक्स् ड्यूटी घटाने, फ्री राशन, डीएपी के दाम कम कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद दिया।
- भाषण में 30 से अधिक बार प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र किया। उन्होंने भाषण के बीच में कहा कि वैक्सीन का डोज नहीं, प्रधानमंत्री ने जिंदगी का डोज दिया। डीजल पेट्रोल की कीमतें घटाने के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया तो गांव-गांव बिजली पहुंचाने को चमत्कार बताया।
- सीएम कांग्रेस पर भी हमलावर रहे। वे बोले- रानी कमलापति के गौरवशाली इतिहास को अंग्रेजों और कांग्रेस ने कभी सामने नहीं आने दिया। कांग्रेस को हमेशा एक ही परिवार को श्रेय देने वाला बताया। उन्होंने राशन आपके द्वार योजना का ऐलान किया। कहा कि इससे ग्रामीणों को राशन के लिए कतारें नहीं लगाना पड़ेंगी।
पीएम विजिट की वजह से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के आसपास की सभी दुकानें बंद हैं। हबीबगंज अंडरब्रिज से आगे का रास्ता बंद कर दिया गया है। गोविंदपुरा भेल से अवधपुरी चौक और बोर्ड ऑफिस से रानी कमलापति स्टेशन तक का रास्ता बंद है। रानी कमलापति (पुराना नाम हबीबगंज) रेलवे स्टेशन पर भी तगड़ी सुरक्षा है। बसों का रूट बदल जाने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। ऑटोवाले दोगुना किराया ले रहे हैं। इससे ज्यादातर लोग पैदल ही रास्ता तय कर रहे हैं।