Friday, October 10

GMC की 62वीं कार्यकारिणी की बैठक आज:जबलपुर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षक की प्रतिनियुक्ति का प्रस्ताव; जीएमसी के 20 डॉक्टरों ने जताई आपत्ति

भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में प्रतिनियुक्ति पर दूसरे कॉलेजाें के प्राध्यापक/ सह प्राध्यापक की नियुक्ति पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। शनिवार को जीएमसी की 62वीं कार्यकारिणी बैठक में जबलपुर मेडिकल कॉलेज के एक चिकित्सा शिक्षक की प्रतिनियुक्ति का प्रस्ताव चर्चा और अनुमाेदन के लिए रखा गया है। इसको लेकर कॉलेज के 20 डॉक्टरों ने हस्ताक्षर कर आपत्ति जताते हुए पत्र कार्यकारिणी समिति के सदस्यों को लिखा है।

मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय का कहना है कि विभागों में रिक्त पद पर बाहर से प्रति नियुक्ति पर चिकित्सा शिक्षक को रखने के मामले को भोपाल कमिश्नर और डीन के सामने रखा है। इससे संस्था में प्रमोशन का इंतजार करने वाले चिकित्सा शिक्षक को आगे बढ़ने के अवसर खत्म हो जाते हैं।

डॉक्टरों की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया कि जीएमसी के कई विभागों प्राध्यापक एवं सह प्राध्यापक के रिक्त पद है, जिन पर संस्था के ही चिकित्सा शिक्षक पदोन्नति/ सीधी भर्ती के लिए प्रतीक्षारत हैं। इसके बावजूद 62वीं कार्यकारिणी की बैठक में कॉलेज के एक विभाग के रिक्त पद पर जबलपुर मेडिकल कॉलेज के एक शिक्षक की प्रतिनियुक्ति से नियुक्ति का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए रखा गया है। इससे पहले विदिशा मेडिकल कॉलेज के एक शिक्षक को नियुक्ति दे दी गई। यह संस्था में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है।

डॉक्टरों का कहना है कि आदर्श सेवा नियम 2018 की कंडिका 10 में संस्था के किसी रिक्त पद पर प्रतिनियुक्ति द्वारा नियुक्ति के लिए नियम की कंडिका 6 में रिक्त पदों को भरने के लिए एमसीआई मापदण्ड अनुसार पात्रता अनिवार्य है। वहीं, संस्था में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों को ऐसे रिक्त पद पर नियुक्ति प्राप्त करने का अधिकार सबसे पहले है। इसके बावजूद नियमों का पालन न कर दूसरे कॉलेज के चिकित्सा शिक्षकों को प्रति नियुक्ति पर लाया जा रहा है।