
मध्यप्रदेश में विदिशा में 2 साल की बच्ची ने अपने पिता के शव के साथ पूरी रात रोते-रोते बिता दी। बच्ची के पिता ने फांसी लगा ली थी। मासूम तो ये भी नहीं जानती कि उसके पिता इस दुनिया में नहीं रहे। वह रातभर शव के पास इसलिए रोती रही कि शायद वह उसे गोद में उठाएंगे। युवक की पत्नी की 4 महीने पहले कोरोना से मौत हो चुकी है। पत्नी की मौत के बाद से ही पति सदमे में था।
कोतवाली थाना क्षेत्र के बक्सरिया मोहल्ले में रहने वाले प्रदीप अहिरवार (38) किसान था। वह अपने परिवार से अलग रहता था। पत्नी की मई में कोरोना से मौत हो गई थी। इसके बाद 2 साल की बेटी रौनक के साथ अकेला रहता था। 4 महीने बाद शनिवार की रात प्रदीप ने फांसी लगाकर जान दे दी।
सुबह भाई पहुंचा तब चला पता उधर, रविवार सुबह प्रदीप का भाई किसी काम से घर पहुंचा। आवाज देने पर दरवाजा नहीं खुला। गौर से सुना तो अंदर से रौनक के रोने की आवाज आ रही थी। खिड़की से झांक कर देखा, तो प्रदीप फंदे पर लटका था। उसने अपने चाचा महेश अहिरवार को सूचना दी। उन्होंने उसे थाने सूचना देने के लिए भेजा। आसपास के लोग मौके पर जुट गए। इसके बाद घर के मुख्य दरवाजे को तोड़ा गया। कमरे से प्रदीप को फंदे से उतारा। वहां बच्ची रोते मिली। बच्ची को भी संभाला।
शव पर फंदे के निशान
SI शिवेंद्र पाठक ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि प्रदीप ने फांसी लगा ली है। मौके पर जांच करने पर उसके शव पर फंदे के निशान दिखे हैं। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिवार वालों को सौंप दिया है। आत्महत्या के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है।