
रातापानी के जंगल में तितलियों की दुर्लभ प्रजातियां मिली हैं। जिन्हें 14 स्टेट के 88 एक्सपर्ट ने 3 दिन घूमकर खोजा। कुल 103 प्रजाति की तितलियां पाई गईं। इनमें से एक दर्जन ऐसी थीं, जो दुर्लभ प्रजाति में शामिल हैं। पचमढ़ी बुश ब्राउन, एंगल्ड पायरेट, ब्लैक किंग, नवाब, कॉमन ट्री ब्राउन, ट्राई-कलर्ड पाइड फ्लेट प्रमुख है। एक्सपर्ट तितलियों पर हुए सर्वेक्षण की रिपोर्ट वन विभाग को सौंपेंगे। ताकि तितलियों के संरक्षण के लिए और भी सार्थक कदम उठाए जा सके।
रातापानी वन्यप्राणी अभयारण्य 907.71 वर्ग किमी में फैला है। जहां कई जानवरों का डेरा है। गुफाएं, झरने, नदी-तालाब और कई पर्यटन स्थल होने के साथ यहां पर तितलियों का भी एक बड़ा संसार बसा हुआ है। इन्हें सूचीबद्ध करने के लिए 3 दिन तक एक्सपर्ट की टीम ने घूमकर सर्वे किया।
80 लोकेशन पर मिली तितलियां
रातापानी वन्यप्राणी अभयारण्य की 80 लोकेशन पर तितलियां पाई गई। 14 राज्य के 88 एक्सपर्ट सर्वेक्षण में शामिल हुए। सुप्रिया समंता, राधेश्याम बघेल, गौरव निगम, महेंद्र कलान आदि एक्सपर्ट ने दुर्लभ प्रजाति की तितलियों को कैमरों में कैद किया। औबेदुल्लागंज डीएफओ विजय कुमार ने बताया कि एक्सपर्ट टीम ने 21 कैम्प के 80 ट्रेल्स पर पैदल गश्ती की। इसके बाद उक्त प्रजातियों की तितलियों का संसार सामने आया। दुर्लभ और अति दुर्लभ प्रजाति की तितलियां भी मिली हैं।
सर्वेक्षण में यह देखा
डीएफओ कुमार ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान तितलियों के रहवास समेत अन्य बिंदुओं पर जानकारी जुटाई गई। अब इनके संरक्षण को लेकर प्रबंध किए जाएंगे।
बर्ड सर्वे में शामिल होने की गुजारिश
सर्वे में मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश समेत 14 राज्य के एक्सपर्ट शामिल हुए। इन्हें आने वाले बर्ड सर्वे में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया। तितलियों पर हुए सर्वे में वाइल्ड वारियर्स और तिंसा फाउंडेशन का सहयोग भी रहा।