Saturday, September 27

जिम्मेंदारों की अनदेखी:शहर में 15 साल पहले बनी 50% सीसी सड़कों पर अब उभर आए गड्ढे

बारिश में कीचड़ और अन्य दिनाें में धूल उड़ने से वाहन चलाना हाेता है मुश्किल

नगर की 50 प्रतिशत सीसी सड़कों की हालत खराब है। उनमें जगह जगह गड्ढे उभर आए हैं। बारिश में कीचड़, सामान्य दिनों में गड्ढों से धूल उड़ने लगती है। इस कारण वाहन चलाना काफी मुश्किल होता है। सीसी सड़कें 12 से 15 साल पुरानी हो चुकी हैं।

जल आवर्धन योजना और टेलीफोन केबल और जल कनेक्शन के लिए बार बार होने वाली खुदाई के कारण उनकी हालत खस्ताहाल हो चुकी है। दो साल से नई सड़कों और नालियों का कार्य बंद है। मेला ग्राउंड को छोड़ कर दूसरे किसी स्थान पर सीसी का कार्य नगर पालिका ने नहीं कराया। पुराने सीसी मार्गों की मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे जहां पुरानी सड़कें आवागमन के लिए समस्या बन रही है इससे रहवासी परेशान हैं। गलियों की मरम्मत नहीं हो रही है और न ही सड़कें बन रही हैं। 10 साल पहले बनी सभी सड़कें मरम्मत की स्थिति में आ गई हैं।

एक दशक पहले बनी सभी सड़कें क्षतिग्रस्त: दस साल से ज्यादा पुरानी जितनी भी सीसी सड़कें नगर के विभिन्न वार्डों में बनी हैं वह मरम्मत या पुनः निर्माण की स्थिति में आ चुकी हैं। उनके ऊपर से सीमेंट की पर्त गायब हो चुकी है। सतह पर गड्ढे उभर आए हैं। जलावर्धन योजना की पाइप लाइन, आप्टिकल केबल डालने और जल सप्लाई लाइन लीकेज मरम्मत के लिए होने वाली खुदाई से उनकी हालत और बेकार हो चुकी है। मार्ग की गिट्टी निकल रही है रेत धूल बन रही है।

इन मार्गों की हालत खराब: त्योंदा रोड से सिरोंज चौराहे तक बायपास, वार्ड क्रमांक 14 में त्योंदा रोड पेट्रोल पंप से शिव नगर, वार्ड क्रमांक 3 में नेहरू चौक से नंदन गली, गीता टॉकीज गली, स्टेशन मील रोड, वार्ड क्रमांक 13 चक्क स्वरुप नगर मार्ग, वार्ड क्रमांक 15 पुराना मेला ग्राउंड से पचमा बायपास गली, विजय टॉकीज से मिर्जापुर जाने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त हैं। इसके अतिरिक्त सभी वार्डों में 15 साल पहले बनी सीसी की गलियां खस्ताहाल हो गई हैं। इनकी मरम्मत तक नहीं हो पा रही है।

पुरानी किसी भी सड़क की पुनः निर्माण की योजना नहीं

नगर पालिका द्वारा अब तक किसी भी पुरानी सड़क की मरम्मत या फिर से निर्माण के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वार्डों में नागरिक पुरानी सड़कों की मरम्मत के लिए पूर्व में भी पार्षदों पर दबाव बना चुके हैं। कई जगह तो हालत इतनी खराब हो गई है कि नागरिकों और व्यापारियों को सड़क पर सुबह शाम पानी का छिड़काव भी करना पड़ता है। इसके बाद भी उनके मकानों में धूल की पर्त जमा हो रही है।

नपा को नहीं मिला फंड

पिछले छह साल से नगर पालिका के पास फंड न होने की बात कह कर सड़कों की मरम्मत से पल्ला झाड़ रही है। इससे समय निकलने के साथ साथ वह सड़क और गलियां समस्या बनेंगी। वर्तमान में इनकी मरम्मत हो जाए तो चार पांच साल टिक सकती थी जबकि नपा का करोड़ों रुपए बकाया है। बकाया वसूलने के लिए अब तक कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इससे नगर के विकास में काम आ सके।

विकास की बढ़ जाए गति

नई सड़कों के निर्माण व पुरानी सड़कों की मरम्मत निर्माण के लिए राशि की समस्या है। यदि फंड की दिक्कत समाप्त हो जाए तो विकास की गति बढ़ जाए।
-अभिषेक बाथम, प्रभारी सीएमओ