
नाैलखी जलावर्धन योजना की बिजली सप्लाई राेज 2 से 4 घंटे हाे रही बाधित
ग्रामीण क्षेत्र के 33 केवी फीडर से नाैलखी जलावर्धन योजना को बिजली सप्लाई मिल रही है, उस फीडर पर 2 से 4 घंटे तक बिजली सप्लाई बंद हो रही है। इस कारण नगर में स्थित जलावर्धन योजना की सातों टंकियां भर नहीं पा रही हैं। इससे नागरिकों को नियमित रूप से जरूरत के हिसाब से जल सप्लाई नहीं हो पा रही है। इस कारण शहरवासियाें काे परेशान हाेना पड़ रहा है। नगर पालिका ने सोमवार को जल संकट के चलते मुनादी भी कराई है। नगर पालिका ने बिजली कंपनी को पत्र लिखा है है कि उनकी बिजली सप्लाई सुनिश्चित की जाए। वर्तमान में कम बारिश के चलते उपभोक्ताओं में पानी की डिमांड लगातार बनी हुई है।
ऐसे में जल सप्लाई समय अनुसार नहीं मिलने से दिक्कत आ रही है। इसके अतिरिक्त कई जगह सप्लाई का प्रेशर नहीं मिलने से निचली मंजिल पर प्रेशर के साथ पानी नहीं आ रहा है। कई स्थानों पर मोटर लगाने के बावजूद पानी नहीं निकल रहा है।
नगर पालिका जलावर्धन योजना की बिजली सप्लाई दूसरे 33 केवी फीडर से जोड़ने का काम चल रहा है। जिस पर वर्तमान में कटौती नहीं हो रही है। इससे समस्या का समाधान हो सके।
-संजय पौराणिक, सुपरवाइजर शहरी क्षेत्र बिजली कंपनी गंजबासौदा।
यह है मामला
बिजली कटौती के चलते नगर पालिका ने जल सप्लाई स्टेशन के लिए अलग से बिजली सप्लाई लाइन ली है। इससे सप्लाई स्टेशन की बिजली बंद न हो। जिस 33 केवी सप्लाई लाइन से जलावर्धन योजना को बिजली मिल रही है उस 33 केवी फीडर पर जहां से बिजली आ रही है कोयले की कमी के कारण उत्पादन प्रभावित होने से बिजली कटौती हो रही है। कभी 2 घंटे तो कभी 4 घंटे की कटौती का भी निश्चित टाइम नहीं है। इस कारण नगर पालिका को भी दिक्कत आ रही है। बिजली कंपनी के अधिकारी भी कटौती का समय नहीं बता पा रहे हैं।
नगर में अब तक 8600 हो चुके हैं नल कनेक्शन
वर्तमान में नगर में नए और पुराने उपभोक्ताओं को मिलाकर 8600 नल कनेक्शन हो चुके हैं। जल सप्लाई के लिए नई और पुरानी टंकियों को मिलाकर इनकी 7 संख्या हो चुकी है। इन टंकियों को भरने के बाद ही जल सप्लाई नगर के उपभोक्ताओं को मिल पाती है। जब तक टंकियां नहीं भरती हैं जल सप्लाई नहीं हो पाती। प्रेशर के साथ पानी नहीं पहुंचता इसलिए उनका भरना जरूरी है क्योंकि टंकियां भरते समय सप्लाई करना संभव नहीं होता। जैसे ही बिजली जाती है टंकी भरना बंद हो जाती है। पाइप लाइन खाली हो जाती है। जैसे ही बिजली आती है आधे घंटे से ज्यादा समय पाइप लाइन भरने में ही चला जाता है इस कारण सप्लाई प्रभावित हो जाती है।
पूर्व की लापरवाही अब बन रही समस्या
बिजली कंपनी के सूत्रों के अनुसार पूर्व में बिजली सप्लाई लाइन को शहरी फीडर से जोड़ने के लिए एस्टीमेट अनुसार ज्यादा खर्च आ रहा था उस दौरान ग्रामीण 33 केवी फीडर से जलावर्धन योजना की सप्लाई जोड़ दी लेकिन वर्तमान में बिजली उत्पादन केंद्र को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है इससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। फीडर की कभी 2 घंटे तो कभी 4 घंटे बिजली सप्लाई बंद हो जाती है।
बिजली कंपनी को 4 बार लिखा जा चुका है पत्र
नगर पालिका प्रभारी सीएमओ अभिषेक बाथम ने बताया कि जल स्टेशन की बिजली सप्लाई सुनिश्चित रहे इसके लिए बिजली कंपनी को चार पत्र लिख चुके हैं। उसका कोई जवाब नहीं मिला। उनसे कटौती का समय निश्चित करने को कहा है। इससे उतनी देर योजना से सप्लाई को बंद रखा जाए लेकिन संबंधित अधिकारी निश्चित समय भी नहीं बता रहे। इस संकट के चलते नागरिकों को भी जल सप्लाई नियमित निर्धारित नहीं मिल पा रही है। इसलिए मुनादी कराना पड़ी।