
मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच करने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने आज 5वीं बार महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को समन भेजा है। सुबह 11 बजे उन्हें मुंबई के बल्यार्ड एस्टेट ऑफिस पहुंचना है, जहां उनसे पूछताछ होगी। इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने देशमुख को बड़ा झटका देते हुए ED द्वारा शुरू की गई जांच पर रोक लगाने से मना कर दिया था।
ED ने देशमुख के PA और PS को पिछले दिनों अरेस्ट किया था। चार बार समन भेजने के बाद भी देशमुख इस मामले में ED के सामने पेश नहीं हुए हैं, जिसके बाद मंगलवार को देशमुख को पांचवां समन भेजा गया। हर बार उनके वकील इंद्रपाल सिंह ED ऑफिस पहुंचे और बढ़ती उम्र और कोरोना का हवाला देते हुए 75 साल के देशमुख के पेश होने पर असमर्थता जताई। देशमुख के साथ उनके बेटे ऋषिकेश को भी समन भेजा गया है।
देशमुख के खिलाफ लटकी गिरफ्तारी की तलवार
देशमुख ने सुप्रीम कोर्ट से जांच को स्थगित करने, गिरफ्तारी पर रोक लगाने और समन रद्द करने की मांग की थी। अब याचिका खारिज होने के बाद देशमुख पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती नजर आ रही है। देशमुख की मांग ठुकराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रावधानों में रह कर ही कानूनी उपाय किए जा सकते हैं। प्री अरेस्ट बेल के लिए वे मुंबई के स्थानीय न्यायालय में अपील करें। इस बारे में स्थानीय अदालत ही फैसले लेती है। सुप्रीम कोर्ट इसमें उनकी कोई मदद नहीं कर सकता।
4.7 करोड़ की संपत्ति हुई है जब्त
इससे पहले भी उनकी पत्नी और बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है, लेकिन वे सुनवाई के लिए एक बार भी हाजिर नहीं हुए। ED ने अनिल देशमुख के कई ठिकानों पर छापेमारी कर 4.20 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। ED ने दावा किया था कि अनिल देशमुख ने बार मालिकों से पुलिस अधिकारी सचिन वझे द्वारा 4.70 करोड़ रुपए की वसूली करवाई। सचिन वझे ने यह रकम उन्हें दी। इस रकम को अनिल देशमुख ने अपने बिजनेस में इन्वेस्ट किया।
ED पर देशमुख ने लगाया था गंभीर आरोप
अनिल देशमुख ने ED को पत्र लिखा था, जिसमें कार्रवाई के दौरान जांच एजेंसी द्वारा अपनी ताकत और अधिकारों का गलत इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि अभी तक मुझे ED की तरफ से ECIR की कॉपी या कोई भी दस्तावेज नहीं दिए गए हैं। जिससे साफ होता है कि यह समन केवल मीडिया में सनसनी फैलाने के लिए भेजा गया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के 1 दिन पहले ED ने जो समन भेजा है, उससे मेरा डर और पुख्ता हो गया है कि ED की जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं हो रही है।
परमबीर सिंह के आरोप के बाद शुरू हुई है जांच
यह मामला देशमुख पर लगे वसूली के आरोपों से जुड़ा है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने करीब ढाई महीने पहले राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने ही मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था।