Wednesday, September 24

लॉर्ड्स टेस्ट में अश्विन को मौका संभव:शार्दूल के बाहर होने से 4 तेज गेंदबाजों का खेलना मुश्किल, एंडरसन और ब्रॉड के बिना उतर सकती है इंग्लैंड की टीम

भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला 12 अगस्त से ऐतिहासिक लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाएगा। दोनों ही टीमें इस समय अहम खिलाड़ियों की फिटनेस से जुड़ी समस्याएं झेल रही हैं। लिहाजा, दूसरे टेस्ट के लिए भारत और इंग्लैंड दोनों के प्लेइंग-11 में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। टीम इंडिया को बॉलिंग कॉम्बिनेशन बनाना मुश्किल हो रहा है। साथ ही नंबर-3, 4 और 5 बल्लेबाजों की खराब फॉर्म भी भारतीय खेमे के लिए चिंता का विषय है।

4 फास्ट बॉलर रखने से टेल लंबी होगी
भारत ने नॉटिंघम में हुए पहले टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी और शार्दूल ठाकुर के रूप में चार तेज गेंदबाज शामिल किए थे। इनके साथ रवींद्र जडेजा के रूप में एक स्पिन ऑलराउंडर भी मौजूद था। जडेजा और शार्दूल अच्छी बल्लेबाजी कर लेते हैं। लिहाजा लोअर मिडिल ऑर्डर में भी भारत की बल्लेबाजी दमदार थी। अगर शार्दूल की जगह ईशांत को शामिल किया जाता है तो फिर भारत की टेल बहुत लंबी हो जाएगी और पहले से खराब फॉर्म में चल रहे टॉप ऑर्डर बल्लेबाज और भी ज्यादा दबाव में आ जाएंगे।

2+3 कॉम्बिनेशन हो सकता है विकल्प
भारतीय टीम इस मुकाबले में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में उतारे बॉलिंग कॉम्बिेशन पर विचार कर सकती है। उस टेस्ट में दो स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन दोनों खेले थे। उनके साथ ईशांत, शमी और बुमराह उतरे थे। हालांकि बुमराह के फॉर्म में न होने से भारतीय टीम में हर समय एक बॉलर शॉर्ट नजर आया।

हनुमा विहारी खेले तो 1+3 का कॉम्बिनेशन संभव
भारत के पास एक और विकल्प है कि शार्दूल ठाकुर की जगह हनुमा विहारी को प्लेइंग-11 में शामिल किया जाए। ऐसे में भारतीय टीम 3 तेज गेंदबाज और 1 स्पिनर के साथ उतर सकती है। विहारी ने अपने 12 टेस्ट मैचों के छोटे करियर में 300 से ज्यादा ओवर की गेंदबाजी की है। इस स्थिति में देखने वाली बात यह होगी कि टीम इंडिया जडेजा को बरकरार रखती है या उनकी जगह बतौर स्पिनर ज्यादा अटैकिंग विकल्प अश्विन को लेकर आती है।

पहले टेस्ट में फास्ट बॉलर्स का अच्छा प्रदर्शन
पहले टेस्ट मैच टीम में इंडिया के तेज गेंदबाजों ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को खासा प्रभावित किया था। दोनों पारियों में भारत ने इंग्लैंड को ऑल-आउट किया था और सभी 20 विकेट तेज गेंदबाजों की झोली में ही आए थे। 2018 के बाद विदेशी सरजमीं पर पहली बार ऐसा देखने को मिला था, जब भारतीय तेज गेंदबाजों के खाते में सभी 20 विकेट आए हों।

बल्लेबाजी में सुधार की जरूरत
भारतीय टीम को दुनिया की सबसे खतरनाक बैटिंग लाइन-अप वाली टीम माना जाता है, लेकिन पिछले काफी समय से टीम इंडिया की बल्लेबाजी ने सभी को बहुत निराश किया है। इंग्लैंड के खिलाफ नॉटिंघम टेस्ट की पहली पारी में भारत 95 रनों की बढ़त बनाने में सफल रहा था, लेकिन यह बढ़त और बड़ी हो सकती थी। रोहित शर्मा के विकेट के बाद भारत का पूरा मध्यक्रम ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गया था।

चेतेश्वर पुजारा और उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे भी अच्छी फॉर्म में नहीं हैं और कप्तान विराट कोहली के बल्ले से भी पिछले दो सालों से कोई शतक नहीं देखने को मिला है। अगर टीम इंडिया को लॉर्ड्स में बेहतर खेल दिखाना है तो बल्लेबाजों को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए बढ़िया खेल दिखाना होगा।

एंडरसन पर फैसला मैच से पहले
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड चोटिल होने के कारण दूसरे टेस्ट से लगभग बाहर हो चुके हैं। वहीं, जेम्स एंडरसन का खेलना भी तय नहीं लग रहा है। हालांकि मैच से एक दिन पहले वे चोट के कारण प्रैक्टिस में हिस्सा नहीं ले पाए थे। उन पर आखिरी फैसला मैच से एक घंटा पहले लिए जाने की उम्मीद है। अगर ये दोनों नहीं खेलते हैं तो उनके स्थान पर मार्क वुड, क्रेग ओवर्टन और शाकिब महमूद में से किन्हीं दो को मौका मिल सकता है।

मोइल अली के आने से इंग्लैंड को मिलेगी मजबूती
मोइन अली गेंद और बल्ले से इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। भारत के खिलाफ मोइन ने अब तक 13 टेस्ट मैचों में 673 रन बनाए हैं। साथ ही 49 विकेट भी लिए हैं।

दोनों संभावित टीमें
इंग्लैंड
जो रूट (कप्तान), डोमिनिक सिबली, रोरी बर्न्स, मोइन अली, जॉनी बेयरस्टो, डेनियल लॉरेंस, जोस बटलर (विकेटकीपर), सैम करन, मार्क वुड, शाकिब महमूद और ओली रॉबिन्सन।
भारत
रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, आर अश्विन, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह।