Wednesday, September 24

MP में पटवारी हड़ताल:सरकार ने बातचीत के लिए पटवारी संघ के पदाधिकारियों को बुलाया, प्रदेश अध्यक्ष बोले- मीटिंग का नतीजा निकला तो ही पीछे हटेंगे

MP में पटवारी कलमबंद हड़ताल पर है। इससे सरकारी कामकाज पर असर पड़ रहा है। आय-जाति के सर्टिफिकेट से लेकर जमीन की नक्शा-खसरा रिपोर्ट नहीं बन रही है तो रेवेन्यू से जुड़े कई काम अटक गए हैं। इसके चलते ही सरकार ने बुधवार को मप्र पटवारी संघ के पदाधिकारियों को बातचीत के लिए बुलाया है। हालांकि, इस तरह की बातचीत पहले भी हो चुकी है, लेकिन मांगें पूरी नहीं हुईं। पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह का कहना है कि मीटिंग का कोई नतीजा निकला तो ही पीछे हटेंगे।

मध्यप्रदेश में 19 हजार से अधिक पटवारी हैं, जो अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर 25 जून से ही चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। 10 अगस्त से वे कलमबंद हड़ताल पर चले गए हैं। इस कारण रेवेन्यू, वेब GIS सहित अन्य विभागों के सभी काम ठप पड़ गए हैं। पहले दिन प्रदेश के सभी जिलों में पटवारियों ने धरना भी दिया।

सरकार ने बुलावा भेजा, बातचीत को तैयार
प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार बातचीत के लिए तैयार हो गई है। इसलिए बुधवार को मिलने का बुलावा भी भेजा है। दोपहर में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत समेत प्रमुख सचिव से मिलेंगे। यदि सरकार मांगों को मानती है तो ही हटेंगे।

पहले भी लिखित आश्वासन दे चुकी सरकार

पटवारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि इससे पहले वर्ष 2019 में भी सरकार पटवारियों की मांगों का निराकरण करने का लिखित आश्वासन दे चुकी है, लेकिन अब तक मांगों का कुछ हुआ। इसलिए भरोसा नहीं कर सकते। सरकार मांगें पूरी करती है तो ही हड़ताल स्थगित करेंगे। वरना आंदोलन जारी रहेगा।

ये हैं पटवारियों की मांगें

  • पटवारियों का ग्रेड पे 2800 करते हुए समय मान वेतनमान विसंगति को दूर किया जाए।
  • गृह जिले में पदस्थापना हो। वर्तमान में कई पटवारियों को गृह जिले से सैकड़ों किलोमीटर दूर पदस्थ कर दिया गया है।
  • नवीन पटवारियों की CPCT की अनिवार्यता संबंधी नियम समाप्त किया जाए।