
फसल में येलो मोजेक फैलने का बना है डर, यह वायरस सफेद मक्खी फैलाती है
पीला पौधा खेत की उड़द या सोयाबीन की फसल में दिखाई दे उसे किसान तत्काल उखाड़ कर बाहर जमीन में गड़ा दें इससे वायरस जनित येलो मोजेक फैलने का खतरा है। इन दिनों कई जगह फसलों में पीले पौधे दिखने लगे हैं। कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस का प्रारंभिक चरण होता है। वायरस प्रभावित उस पौधे को हटाने से येलो मोजेक को फैलने से रोका जा सकता है वरना यह दूसरें पौधों में भी फैलने लगेगा। इस वायरस को सफेद मक्खी फैलाती है। मक्खी जहां जहां बैठती है रोग का प्रभाव छोड़ती है। इसके बाद आसपास के पौधे भी इसी की चपेट में आ जाते हैं। फसल में दवा के छिड़काव से खेतों को रोग के प्रभाव से बचाया जा सकता है।
तेजी से फैलता है यह रोग
कृषि वैज्ञानिक डा. सतीष शर्मा ने बताया कि यह रोग तेजी से फैलता है। वायरस की कोई दवा नहीं है। यह जिस सफेद मक्खी नुमा मच्छर से फैलता है उसे मारने के लिए दवा का प्रयोग किया जाता है। जब मक्खी नहीं होगी तो यह नहीं फैलेगा। इससे इसका एक मात्र उपाय वायरस वाहक का नियंत्रण है।
चिंता… यह रोग तेजी से फैलता है, वायरस की कोई दवा नहीं है
पीले पौधे से बढ़ी किसानों की चिंता
कीट वैज्ञानिक योगेश पटेल का कहना है कि इन दिनों खेतों में खड़ी उड़द की फसल में पौधे-पीले दिखाई देने लगे हैं। यदि इन पौधों को फसल से नहीं हटाया गया तो बारिश थमने और गर्मी बढ़ने के बाद येलो मोजेक का प्रभाव लगातार बढ़ सकता है हालांकि यह वायरस का प्रथम चरण है। वायरस की कोई दवा नहीं है। उसका एक मात्र उपाय पीले पौधों को उखाड़ कर नष्ट करने से मक्खी के माध्यम से आगे नहीं फैल पाएगा। इससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है जो खेत हरे दिखाई दे रहे थे अब उनमें पीले पौधे दिखने लगे हैं।
पिछले वर्ष भी फैला था रोग
पिछले वर्ष भी येलो मोजेक रोग फसलों में फैला था। इसके चलते सैकड़ों किसानों की फसलें खराब हो गई थी। इसके चलते कृषि वैज्ञानिकों ने बारिश बंद होने पर वायरस वाहक सफेद मच्छर नुमा मक्खी को मारने के लिए खेतों में थाय मैक्साम 250 ग्राम 500 लीटर पानी में डालकर उसका छिड़काव करने की सलाह दी है। इसके अतिरिक्त यदि यह नहीं मिलती तो एसीटामाइप्रिड, सोलोमन का भी प्रयोग कर सकते हैं क्यांेकि बारिश के कारण दवा का असर पौधों पर नहीं हो पाएगा।
पीले-पौधे तत्काल नष्ट करें
उड़द और सोयाबीन की फसलों में पीले पौधे दिखाई दे रहे हैं। इनको किसान तत्काल उखाड़ कर नष्ट कर दें। बारिश रुकने पर येलो मोजेक रोग की रोकथाम के लिए दवा का छिड़काव करें।
-अशोक सिंह कौरव, एसएडीओ कृषि विभाग गंजबासौदा