
खुद का लक्ष्य 40 मिनट का था, 5 मिनट ज्यादा कर बनाया रिकार्ड
जिले की धरती पर रविवार को देश के नाम एक और कीर्तिमान रचा। बौद्ध विवि सांची से योग एवं आयुर्वेद विभाग में शोध कर रहीं छात्रा श्वेता नेमा ने एसएटीआई कॉलेज के कैलाश सत्यार्थी हॉल में 45 मिनट 27 सेकंड तक कूर्मासन कर एशिया बुक आफ रिकार्ड बनाया। इसकी घोषणा मंच पर मौजूद वर्ल्ड रिकार्ड टीम की और से डा. एके जैन फरीदाबाद ने की। श्वेता ने 9 मई 2021 को चीन के प्रतियोगी द्वारा बनाए गए 10 मिनट तक कूर्मासन के रिकार्ड को तोड़ दिया। अब वीडियोग्राफी गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए भेजी जा रही है।
दोपहर 2.45 बजे श्वेता नेमा ने मंच पर कूर्मासन लगाना शुरू किया था, जो कि उन्होंने दोपहर 3.31 बजे समाप्त किया। श्वेता नेमा पूर्व में नेशनल योग चैंपियनशिप में 2 गोल्ड मेडल और 1 सिल्वर पदक प्राप्त कर चुकी हैं। सांची बौद्ध विवि की कुलपति डा. नीरजा ए. गुप्ता अपनी सोने की चेन उतारक श्वेता के गले में पहना दी।
आसन से उठते ही श्वेता के पहले शब्द थे काश! मैं एक घंटे तक कर पाती
वर्ल्ड रिकार्ड के लिए 45 मिनट 27 सेकंड तक कूर्मासन करने के बाद उठने के दौरान श्वेता नेमा के पहले शब्द यही थे काश मैं एक घंटे तक यह कर पाती। हालांकि श्वेता ने रिकार्ड बनाने से पहले 40 मिनट तक ही कूर्मासन करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन उन्होंने अपने ही लक्ष्य से 5 मिनट से भी ज्यादा समय तक कूर्मासन कर यह रिकार्ड बना डाला। इस मौके पर श्वेता के पति पंकज नेमा, बेटा शौर्य और शलंग व मांग मोहनी चौबे भी मौजूद रहीं।
क्या होता है कूर्मासन… इस कूर्मासन में कछुए के समान आकृति बनाई जाती है। इस आसन के माध्यम से स्वः नियंत्रण में लाभ मिलता है। पाचन तंत्र की मजबूती के साथ-साथ फेफड़े, हृदय और लीवर प्रणाली में भी लाभ होता है।