Tuesday, September 23

जांच के बाद:145 लोगों को अतिक्रमण हटाने का नोटिस आवंटित जमीन से अधिक पर किया कब्जा

बर्री घाट बेतवा मार्ग के दोनों तरफ की 50-50 फीट की जगह भी नहीं छोड़ी

जांच के बाद बर्री घाट बेतवा मार्ग के दोनों और अतिक्रमण में बने 145 मकान मालिकों को नपा द्वारा नोटिस जारी किए गए। इन सभी से अपने मकान स्वामित्व के कागज प्रस्तुत करने को कहा गया है। यह सभी मकान सड़क की भूमि पर बने हुए हैं। राजेंद्र नगर से गुरोद तक टू-लेन सड़क का निर्माण प्रस्तावित है। यह सड़क लोक निर्माण विभाग ने डेढ़ साल पहले रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन को हस्तांतरित कर दी। इसके निर्माण की प्रक्रिया गतिशील है। सड़क के मध्य से दोनों और 50-50 फीट जमीन सड़क के लिए आरक्षित है लेकिन सड़क की भूमि पर लोगों ने कब्जा करने के बाद मकान का निर्माण कर लिया। मकान निर्माण के लिए नपा से अनुमति भी नहीं ली गई। वार्ड क्रमांक 20 में राजेंद्र नगर से वेयर हाउस तक सड़क किनारे 27 साल पहले जिन लोगों को 450 और 600 वर्ग फीट के आवासीय पट्टे दिए गए थे। उन लोगों ने दोगुनी और ढ़ाई गुनी भूमि पर मकान बना लिए। इस कारण 100 फीट चौड़ा मार्ग 50 फीट से भी कम चौड़ा रह गया। पिछले दिनों कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने दल बनाकर जांच के आदेश दिए थे।

27 साल पहले 450 और 600 वर्ग फीट के आवासीय पट्टे दिए थे

यह हैं हालात

वार्ड क्रमांक 20 में भूमिहीनों को वर्ष 1993-94 के दौरान आवासीय पट्टे दिए गए थे। सभी पट्टेदारों को तत्कालीन पार्षद और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष एडवोकेट सत्य कुमार शर्मा के प्रयास से 15 फीट चौड़े और 30 फीट लंबाई भूमि के पट्टे दिए गए थे। इससे भूमिहीन अपना आवास बना सकें लेकिन समय के साथ वह अपनी सीमाएं लगातार बढ़ाते रहे। धीरे धीरे उन्होंने अपनी सीमाएं दोगुनी ढाई गुनी कर ली। उस समय सड़क के लिए 100 फीट जमीन उपलब्ध थी लेकिन अब सड़क की भूमि आधी से भी कम रह गई। कहीं तो हालात यह हैं कि दो वाहन क्रॉसिंग नहीं कर पाते।

जांच में अतिक्रमण

जांच के दौरान मुख्य मार्ग के बीच से दोनों और सड़क के लिए रिजर्व भूमि पर 145 लोगों के मकान अतिक्रमण में पाए गए। इन सभी को अपनी भूमि के दस्तावेज मकान निर्माण की अनुमति प्रस्तुत करने को कहा गया है। इससे तय हो सके उनकी भूमि कितनी है। वर्तमान पर कितनी भूमि पर काबिज हैं लेकिन कुछ लोगों ने अपने दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं।

टपरों से पक्के भवन

पहले पट्टेधारियों के कच्चे मकान और टपरे बने हुए थे। बाद में कई कच्चे मकान पक्के भवनों में बदल गए। पक्के मकानों के निर्माण के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई। अपने अनुसार मकान का निर्माण किया गया है। इससे सड़क की भूमि भी अतिक्रमण की चपेट में आ गई।

प्रस्तावित टू-लेन सड़क पर संकट

डेढ़ साल पहले लोक निर्माण विभाग ने राजेंद्र नगर से गुरोद तक सड़क का 9 किलोमीटर भाग एमपीआरडीसी अर्थात रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन को सौंप दिया। इस सड़क का निर्माण टू-लेन के तहत प्रस्तावित है। निर्माण के लिए कार्रवाई चल रही है लेकिन कई स्थानों पर ऐसी हालत है। टू-लेन सड़क के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। जब तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा सड़क का निर्माण संभव नहीं होगा।

बायपास मार्ग है, हाईवे से जुड़ता है

बर्री घाट बेतवा मार्ग बायपास मार्ग यह ट्रैफिक को राजकीय राजमार्ग 119 विदिशा अशोक नगर से जोड़ता है जो वर्तमान में फोर-लेन के लिए प्रस्तावित है। इसके चलते इस पर हैवी ट्रैफिक चलता है। इसके चलते सड़क निर्माण जरूरी है। नगर में बायपास मार्गों की बेहद कमी है। यदि इस मामले में नगर पालिका और प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई तो सड़क का निर्माण अतिक्रमण के कारण अटक जाएगा।

नोटिस किए गए हैं जारी

जांच के बाद 145 मकान मालिकों को नोटिस जारी किए गए हैं। उनसे अपने भवन के दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है।
नरेंद्र कुमार डे, राजस्व अधिकारी नपा गंजबासौदा।