Wednesday, September 24

लाल पठार (मौत का कुआं):11 लोगों की मौत के साथ कुएं का अस्तित्व खत्म, अब तय करेंगे स्मारक बने या उद्यान

लाल पठार में जिस कुएं ने 11 लोगों की जान ली अब उसका समतली करण कर प्रशासन ने अस्तित्व ही समाप्त कर दिया। इस काम में 2 पोकलेन और 2 जेसीबी की मदद ली। सोमवार सुबह 7.15 बजे से पुलिस -प्रशासन के अफसरों की मौजूदगी में शुरू काम करीब 11 घंटे बाद शाम 6 बजे पूरा हो सका । इस मौके पर तहसीलदार यशवर्धनसिंह और नायब तहसीलदार दोजीराम और पटवारी मौजूद रहे।

अब इस जगह पर सार्वजनिक उपयोग के लिए स्मारक बनाया जाए या फिर पार्क, इसे तय किया जाना है। 16 जुलाई को हादसा होने के अगले दिन सुरक्षा की दृष्टि प्रशासन ने बैरिकेट्स लगाकर बंद कर दिया था। चारों तरफ पुलिस तैनात था। अब बैरिकेट्स हटा लिए जाएंगे। कमिश्नर रविंद्र कियावत ने बस्ती का विकास प्लान शहरी माप दंड के आधार पर तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इससे दो साल बाद इस बस्ती के नगर पालिका सीमा में सम्मिलित होने के बाद विकास के लिए फिर से धन राशि की आवश्यकता न पड़े। प्लान बनाने की जिम्मेदारी जनपद पंचायत के एई सतीष वर्मा को सौंपी गई है। भविष्य में इसी विकास प्लान के आधार पर सड़क, नाली आदि का निर्माण कराया जाएगा।

बस्ती का विकास शहरी मापदंड से होगा, प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी

परिसीमन प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है

नगर पालिका परिसीमन प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है। भविष्य के मान से इसका विकास प्रस्ताव शहर के मापदंड अनुसार हो। इसी पर आधारित विकास प्लान तैयार कराया जा रहा है। इसमें दोनों ग्राम पंचायत स्वरूप नगर और महागौर शामिल है।
-रोशन राय, एसडीएम गंजबासौदा।

हादसे के बाद विकास की रफ्तार

पानी देने लगे हैंडपंप

पीएचई विभाग ने कुआं जमींदोज होने के बाद बस्ती को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए रविवार को दो नलकूप के गड्ढे खनन कराए थे। सोमवार को हैंडपंप लगाकर उसके फाउंडेशन तैयार कर दिए। पिछले चार दिनों से अभी भी जल सप्लाई टेंकरों से की जा रही है। हादसे के बाद पानी को लेकर बस्ती के लोगों द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद बंद पड़े हैंड पंपों को सुधारने का कार्य लगातार जारी है।

सड़क मरम्मत शुरू

त्योंदा रोड से महागौर रेलवे फाटक के बीच पौने तीन किलो मीटर लंबी क्षति ग्रस्त सड़क के गड्ढे भरने का काम सोमवार से प्रारंभ हो गया। इस सड़क का टू लाइन निर्माण का प्रस्ताव लोनिवि ने एक साल पहले भेजा था। करीब तीन करोड़ की लागत का बनाकर शासन के पास स्वीकृति होना थी जो अब तक नहीं मिली। इस सड़क पर दो आरओबी और 100 गांव का ट्रैफिक चलता है।

9 माह में जिपं सीईओ का ट्रांसफर

लाल पठार क्षेत्र में हुए हादसे की गाज जिला पंचायत सीईओ नीतू माथुर पर गिरी है। हादसे के बाद रहवासियों ने विकास कार्य नहीं होने का आरोप लगाया था। इस से प्रशासन की किरकिरी भी हुई थी। इसके बाद अचानक सोमवार को जिला पंचायत सीईओ नीतू माथुर के ट्रांसफर के आदेश जारी हुए। उनकी जगह उज्जैन के बड़नगर के एसडीएम और 2017 बैच के आईएएस डॉ योगेश तुकाराम भरसट लेंगे।

इस बारे में नीतू माथुर का कहना है कि उन्होंने पुरानी बावड़ियों को संरक्षित करने की योजना बनाने पर काम शुरू किया था। योजना पूरी नहीं हो पाई और बावड़ियों को संरक्षित करने का काम शुरू नहीं हो पाया। इस बात का मलाल रहेगा। पीएम आवास योजना में जिला टॉप टेन में शामिल हुआ इस बात की खुशी है।