Tuesday, September 23

कलेक्टोरेट में बैठक:11 लोगों की मौत के बाद जागा प्रशासन- बस्ती में दो बोर कराए, प्रशासन जुटा रहा है सुविधाएं

बदहाली और अव्यवस्थाओं से जूझ रहे ग्रामीणों को सुविधाएं देने हुई अफसरों की बैठक

गंजबासौदा के लाल पठार क्षेत्र में 11 लोगों की मौत के बाद प्रशासन जागा है। रविवार को बस्ती के रहवासियों को पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन ने दो बोर कराए। अब इन बोर की मदद से रहवासियों को पानी उपलब्ध हो सकेगा। वहीं रविवार को मृतकों के परिजनों को चेक दिए गए। इसके अलावा रविवार को कलेक्टोरेट में बैठक हुई। लाल पठार में हुए कुआं हादसे से शासन-प्रशासन में खलबली मची हुई है। असुविधाओं और समस्याओं के बीच बसर कर रहे बासौदा के लाल पठार क्षेत्र व आसपास के ग्रामीणों के लिए अब तमाम सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। इन गांवों में किए जाने वाले विकास कार्य को लेकर रविवार को भी अवकाश के दिन भोपाल संभाग के कमिश्नर कवीन्द्र कियावत ने विदिशा आकर जिले के तमाम आला अधिकारियों के साथ बैठक रखी।

बैठक में कमिश्नर कियावत ने जिले के अधिकारियों को बासौदा की ग्राम पंचायत महागौर एवं स्वरूपनगर के रहवासियों को बुनियादी सुविधाएं और योजनाओं का लाभ देने के लिए हर स्तर पर इंतजाम करने को कहा है। कमिश्नर ने इन गांवों में पेयजल, बिजली, सड़क व साफ-सफाई, स्वास्थ परीक्षण व उपचार आदि व्यवस्थाएं जुटाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।

बुनियादी सुविधाएं जुटाने के लिए कमिश्नर ने अफसरों की जिम्मेदारी तय की

कच्ची गलियां, सड़क पर बहता गंदा पानी ग्राम पंचायत महागौर की सीमा में रहने वाले ग्रामीण की किस्मत में

कच्ची उबड़ खाबड़ गलियां और सड़क पर बहता गंदा पानी विकास के नाम पर यही लाल पठार बस्ती के लोगों की किस्मत में है जो ग्राम पंचायत महागौर की सीमा में आती है। स्वरूप नगर ग्राम पंचायत सीमा में आने वाली बसाहट तक सीसी की गलियां और जल निकास के लिए नाली दिखाई देती हैं लेकिन जैसे ही सीमा समाप्त होती है और ग्राम पंचायत महागौर की सीमा प्रारंभ होती है विकास कहीं भी दिखाई नहीं देता।

बस्ती के लोग भी उस मनहूस घड़ी को कोसते जब उन्होंने मकान बनाने के लिए इस जगह को चुना था। उनका कहना है कि यदि कुएं में 11 लोगों की गिरने से मौत नहीं होती तो बस्ती के लोग किन हालातों में जी रहे हैं यह किसी के सामने नहीं आता। यहां तो जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी पहली बार ही ग्रामीणों को दिखाई दिए हैं।

रहवासियों का आरोप : गहराई दिखाने कुएं को मुरम की खदान में बनाया था, लोग नहीं चाहते सरकार ऐसा मौत का कुआं बनाए

ग्राम पंचायत महागौर क्षेत्र में आने वाली लाल पठार बस्ती में फिर से प्रशासन ऐसा मौत का कुआं बनाए, यह बस्ती के रहवासी नहीं चाहते। कुएं में एक साथ 11 लोगों की मौत होने से अब ग्रामीण उस कुएं की ओर देखना और जाना भी पसंद नहीं कर रहे जो रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जमींदोज हो गया। बस्ती के राजाराम रैकवार ने बताया कि उन्होंने कुएं को बनते हुए देखा है। गहराई दिखाने इसे मुरम की खदान में बनाया था।

पत्थरों की ऊंची दीवारें बनाकर चारों तरफ खदान से ही मुरम खोदकर भर दी थी। इसी के कारण हादसे के बाद पानी निकालते समय समय उसकी दीवार ही फिसल गई थी। बस्ती के आसपास हैंडपंप नहीं थे। लक्ष्मी बाई कुशवाह, मायाबाई अहिरवार, कोमलबाई अहिरवार, उर्मिलाबाई रैकवार कहती हैं कि हैंडपंप नहीं होने की वजह से मजबूर होकर इस कुएं से पानी भरते थे।

​​​​​​​सरपंच बोले-क्षेत्र बड़ा, राशि कम मिलती है

ग्राम पंचायत महागौर के सरपंच राजकुमार दांगी ने बताया ग्राम पंचायत का क्षेत्र बहुत बड़ा है। विकास के लिए राशि कम मिलती है। इसके कारण इस क्षेत्र में ज्यादा काम नहीं हो पाया। जितना संभव हो सका उतना विकास का प्रयास किया।

पहली बार नेता अफसर पहुंचे

बस्ती में रहने वाली राधाबाई यादव, सुधाबाई का कहना है हादसे के बाद इस बस्ती में पहली बार जनप्रतिनिधि और अधिकारी आए। जो भी आते थे वे सरपंच से मिलने के बाद चले जाते थे। सरपंच भी उनको नहीं आने देते थे क्योंकि सरपंच को इस बस्ती के लोगों से कोई सरोकार नहीं था।

योजनाओं से जोड़ने की तैयारी

रविवार को विधायक लीना जैन ने हादसे से प्रभावित परिवारों को शासन के माध्यम से क्या-क्या सुविधाएं और योजना का लाभ दिया जा सकता है। इसकी सूची तैयार करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इससे पीड़ित पक्ष को ज्यादा लाभ मिल सके।

बस्ती के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है

ग्राम महागौर पंचायत के सीमा अंतर्गत आने वाले लाल पठार क्षेत्र बस्ती के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। जो भी खामियां मिलेंगी उनको ठीक कराया जाएगा।
रोशन राय, एसडीएम गंजबासौदा।​​​​​​​