Tuesday, September 23

टीकों की कमी, समय बढ़ा और डर भी:5 माह में 18 + की 10.37 लाख की आबादी में से 16.43 को पहला, 1.93 फीसदी को लगा दूसरा डोज

वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार, 18 से 45 आयु वर्ग वाले 666400 में से अभी 40312 ने पहला, 941 ने दूसरा डोज लगाया
जिले में 16 जनवरी से हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर को टीका लगाने का काम शुरू हुआ था। उसके बाद 60 साल से अधिक और 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के बाद 18 प्लस की 10 लाख 37 हजार आबादी को टीका लगना शुरू हुआ। टीकाकरण शुरू हुए 5 महीने का समय पूरा हो रहा है। 12 जून तक 18 प्लस की 16.43% को सिर्फ पहला डोज ही लगा है। इनकी संख्या 170391 है। वहीं दूसरा डोज 20025 को यानी 1.93% ने ही दूसरा डोज लगवाया है। 18 प्लस वालों के लिए वैक्सीन की कमी है। 45 प्लस वालों की दूसरी डोज की सीमा 84 दिन की, 60 प्लस में पहला डोज लगाने के बाद दूसरा लगाने पर बीमार होने का डर है।

18 से 44 आयु वर्ग के 2 फीसदी से भी कम लोगों को लगा टीका
18 से 44 वर्ष की आबादी जिले में 6,66,400 है जिसमें से सिर्फ 40,312 लोगों ने अभी तक पहला डोज लगवाया है और दूसरा डोज मात्र 941 लोगों को लगा है। यानी अगर आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से देखा जाए तो अभी जिस आबादी में समाज के मुख्य कामकाज़ी, व्यापारी, नौकरी-पेशा और युवा वर्ग आता हैं उनमें से सिर्फ 6.05 प्रतिशत लोगों को ही पहला डोज लगा है और दूसरा डोज लगवाने वालों का प्रतिशत महज 0.14 प्रतिशत है।

45 से 60 आयु वर्ग में सिर्फ 2.29 फीसदी को ही लगा दूसरा डोज
इस आयु वर्ग की आबादी जिले में 2,24,400 है। इसमें पहले डोज लगवाने वालों की संख्या 55779 है और 5142 ने दूसरा डोज लगवाया है। मतलब कुल आबादी में से 24.86 फीसदी को पहला डोज लगा है। दूसरा डोज सिर्फ 2.29 फीसदी लोगों ने ही लगवाया है। जिले में मौतों का आंकड़ा देखा जाए तो सर्वाधिक मृत्यु दर इसी आयु वर्ग की रही है।
60 साल से ऊपर की 50.82 फीसदी आबादी को ही लगा पहला डोज
60 साल से ऊपर के वरिष्ठ जनों की आबादी व जिले में 146200 है। बता दें कि भारत सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम में इसी वर्ग के लोगों से पूरे देश में टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत 1 मार्च से हुई थी। इसके चलते जिले में इस आबादी के 50.82 फीसदी को पहला डोज लग चुका है जबकि दूसरा डोज लगवाने वाले 9.54 फीसदी लोग हैं।

क्या है हार्ड इम्युनिटी
हर्ड इम्युनिटी यानी कि आबादी में प्राकृतिक रूप से विकसित हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता को हार्ड इम्युनिटी कहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अगर कुल आबादी के 70 से 80 फीसदी लोगों में संक्रमण फैल जाता है तो उससे हार्ड इम्युनिटी बनने की संभावना रहती है या इसी अनुपात में हम लोगों को टीका लगा पाएं तब कहा जा सकता है कि कोरोना से लोगों को सुरक्षा मिल गई है।

7 लाख है जिले की आबादी
666400 है 18 से 44 साल आयु वर्ग वाले जिले में।
224400 है 45 से 59 साल आयु वर्ग के । जनसंख्या
146200 है 62 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों की जनसंख्या, 18 प्लस से नीचे 663000 वाले शामिल है।

एक्सपर्ट व्यू: वेरिएंट चेंज होता है तो आखिर कितना कारगर होगा टीका
टीकाकरण से बची अभी 80 फीसदी आबादी के वैक्सीनेशन के लिए टीकाकरण की रफ्तार बढ़ानी होगी। कम्युनिटी, आंगनबाड़ी स्तर सहित समाज के छोटे-छोटे ग्रुप में जाकर लोगों को टीका लगाना होगा। पल्स पोलियो की तरह गली-मोहल्लों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित बूथ लेवल पर जाकर टीके से लोगों को कवर करना होगा। इसमें प्राइवेट हास्पिटल को भी इन वाल्व करना करना होगा। इसके बाद भी यदि कोरोना का कोई वेरिएंट चेंज होता है तो कहा नहीं जा सकता है कि टीका आखिर कितना कारगर होगा।
डा.सुनील नंदीश्वर, डीन अटलबिहारी वाजपेयी मेडिकल कालेज विदिशा।