Wednesday, September 24

महिलाओं ने वट सावित्री व्रत धूमधाम से मनाया:महिलाओं ने वट सावित्री से मांगा पति की दीर्घायु का आशीष, शनि देव को भी पूजा

  • त्योहार वट और पीपल के पेड़ में डोर बांधे, पेड़-पौधों को बचाने का लिया संकल्प
  • वट अमावस्या के दौरान बड़ पीपल पूजा अर्चना करतीं महिलाएं


गुरुवार को महिलाओं ने वट सावित्री व्रत धूमधाम से मनाया। उन्होंने वट वृक्ष और सावित्री की पूजा कर पति के लंबे जीवन का आशीष भी मांगा। वट और पीपल के पेड़ में डोर बांधकर वैवाहिक जीवन में खुशहाली की कामना के साथ पेड़ पौधों को बचाने का संकल्प भी लिया।

शहर के मंदिरों में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान के दौरान विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं ने वट और सावित्री की पूजा अर्चना की। उन्होंने न सिर्फ पति के लंबे जीवन का वरदान मांगने के साथ पेड़ों की सुरक्षा कर पर्यावरण को बचाने का भी संकल्प लिया। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व होता है।

बरगद के पेड़ में साक्षात ब्रह्मा, विष्णु व महेश का वास होता है। माता सावित्री ने अपने पति सत्यवान को मौत के मुंह से निकाला था। इसके लिए उन्हें वट वृक्ष के नीचे ही कठोर तपस्या करना पड़ी थी। इतना ही नहीं पति को दोबारा जीवित रखने के लिए सावित्री यमराज के द्वार तक पहुंच गई थी। ​​​​​​

भारत में नहीं दिखाई दिया कंकण सूर्यग्रहण
इस बार 10 जून को कंकण सूर्य ग्रहण भारत में कहीं भी दिखाई नहीं दिया। पं. विनोद शास्त्री ने बताया भारत में सूर्य ग्रहण न दिखाई देने के कारण किसी भी प्रकार के नियम ग्रहण संबंधी पालिनी नियमों का किसी भी प्रकार की आवश्यकता नहीं थी।

शनि जन्मोत्सव और वट सावित्री व्रत एक साथ मनाया गया
शनि जन्मोत्सव (शनि जयंती) और वट सावित्री व्रत गुरुवार को एक साथ मनाया गया। इस बार विशिष्ट संयोग के तहत शनि जन्मोत्सव पर जिन्हें शनि की साढ़ेसाती चल रही है वे विशिष्ट उपाय के द्वारा शनि की पूजन करने पहुंचे। वट सावित्री व्रत रखकर महिलाओं ने इस दिन वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा की और वट को कलावा बांधते हुए पेड़ की परिक्रमा की।