
करीब 6 महीने बाद आज वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में कोरोना से जुड़ी दवाओं और उपकरण पर लगने वाले टैक्स की दरों पर चर्चा होगी। आइए आपको बताते हैं कि किन-किन वस्तुओं पर टैक्स की दर कम हो सकती है और किन पर टैक्स कम होने की उम्मीद नहीं है
क्या कहती है फिटमेंट कमेटी?
जीएसटी काउंसिल में एक फिटमेंट कमेटी होती है। यह कमेटी ही टैक्स दरों में कमी या बढ़ोतरी को लेकर अपनी सिफारिश देती है। इस बार भी फिटमेंट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। काउंसिल की बैठक से एक दिन पहले होने वाली सभी राज्यों के अधिकारियों की बैठक में फिटमेंट कमेटी की रिपोर्ट पर सहमति बन गई है। इसका मतलब यह है कि फिटमेंट कमेटी ने टैक्स की दरों में जो बदलाव की सिफारिश की है, उस पर ही फैसला हो सकता है। राज्यों के अधिकारियों ने काउंसिल की बैठक में चर्चा के लिए प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है।
कोविड से जुड़ी कौन सी वस्तुओं पर टैक्स की दर कम होगी?
फिटमेंट कमेटी ने मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन, पल्स ऑक्सीमीटर और कोविड टेस्टिंग किट पर टैक्स में छूट की सिफारिश की है। इन पर अभी 12% की दर से टैक्स लगता है, जिसे कम करके 5% किया जा सकता है।
क्या रेमडेसिवर और अन्य दवाओं पर टैक्स कम होगा?
नहीं। राज्यों के अधिकारियों की ओर से तैयार प्रस्ताव में कहा गया है कि कोविड के इलाज के लिए अलग से कोई दवा नहीं है जिस पर टैक्स में कमी की जाए। ऐसे में कोविड के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर टैक्स में कोई कमी नहीं होगी। प्रस्ताव के मुताबिक, पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन अलग दवा के रूप में शामिल था। लेकिन अब डब्ल्यूएचओ ने इसे दवाओं की सूची से हटा दिया है। इसलिए इस पर टैक्स में कमी करने की आवश्यकता नहीं है। अभी दवाओं पर 5% और 12% की दर से जीएसटी लगता है।
कब तक मिलेगी टैक्स से छूट?
जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी में टैक्स छूट की अवधि तय करने पर सहमति बन गई है। फिटमेंट कमेटी के अनुसार, टैक्स में यह छूट 1 जून से 31 जुलाई तक के लिए होगी। बैठक में वित्त मंत्री को किसी भी सामग्री पर एक निश्चित समय के लिए टैक्स की दर कम करने का अधिकार भी दिया जा सकता है। इसका कारण है कि महामारी के दौर में काउंसिल की बैठक बुलाने में समय लगता है।
क्या पुराने जीएसटी रिटर्न में राहत मिलेगी?
प्रस्ताव के मुताबिक, जीएसटी रिटर्न की फीस को काफी कम किया जा सकता है। इसके अलावा जुलाई 2017 से अप्रैल 2021 तक के पुराने रिटर्न की लेट फीस में भी कमी की जा सकती है।
कौन सी वस्तुओं पर बढ़ेगा टैक्स?
लंबे समय से टैक्सटाइल और फुटवियर इंडस्ट्री से जुड़े लोग टैक्स की दरों को ठीक करने की मांग कर रहे हैं। इसको देखते हुए कमेटी ने फुटवियर और टैक्सटाइल इंडस्ट्री पर टैक्स में सुधार के सुझाव दिए हैं। विभिन्न प्रकार के कपड़ों पर टैक्स की अलग-अलग दरें हैं। कमेटी ने सभी प्रकार के कपड़ों पर 12% करने का सुझाव दिया है। इस कारण कुछ कपड़ों पर टैक्स की दर बढ़ सकती है। इसके अलावा जूतों पर टैक्स की दर बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है।
राज्यों के बकाए पैसे पर भी होगी चर्चा
टैक्स रेट पर चर्चा के अलावा, काउंसिल अनुमानित 2.69 लाख करोड़ रुपए पर भी विचार कर सकती है। यह रकम राज्यों को 2017 में वादे के अनुसार दिए जाने वाले भरपाई वाली है। ऐसा इसलिए क्योंकि वैट और अन्य टैक्स लगाने का अधिकार छोड़ देने के कारण उन्हें रेवेन्यू में नुकसान हुआ था। हालांकि अंतिम उत्पादों को जीएसटी से छूट देने से निर्माताओं को कच्चे माल पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ प्राप्त करने का विकल्प नहीं मिलेगा और इसलिए ग्राहकों को ज्यादा लाभ नहीं होगा ।
बैठक में कौन-कौन भाग लेंगे?
इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। इसके अलावा बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, सभी राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र-राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।