
- 150 से ज्यादा स्थानो पर लगे हैं बैरिकेड्स, एंबुलेंस के ड्राइवर भी होते रहते हैं परेशान
- कॉलोनियों और मोहल्लों में घुस रहे वाहन चालकों से इलाकों में संक्रमण का खतरा
कोरोना कर्फ्यू में आवाजाही कम करने के लिए पुलिस ने 150 से ज्यादा स्थानों पर बैरिकेड्स लगा रखे हैं। लेकिन ये बैरिकेड्स पुलिस की मनमर्जी के हो गए हैं। अफसर अपनी मनमर्जी से मुख्य सड़कों को कभी भी आवागमन के लिए बंद कर देते हैं। जिस कारण वाहनों को कॉलोनी और मोहल्लों के रास्ते से गुजरना पड़ रहा है। इन इलाकों में भीड़ बढ़ने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। कुछ कॉलोनीवासियों ने रास्ते आमजन के लिए बंद कर वहां बोर्ड तक लगा दिए हैं।
कोरोना कर्फ्यू के दौरान पुलिस ने आउट समेत करीब 150 पाइंट पर बैरिकेड्स लगाकर रास्ते बंद कर रखे हैं। इसके बाद भी वाहनों का दबाव कम नहीं हो रहा है। ऐसे में लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में समय तो लग ही रहा है साथ ही उन्हें 10-12 किमी तक का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। बैरिकेड्स पर तैनात पुलिसकर्मियों को भी लोगों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है। वे मरीज को इमरजेंसी में लेकर जा रहे लोगों के लिए भी बैरिकेड्स तक नहीं हटाते हैं।
ज्योति टॉकीज के सामने का रास्ता बंद
दो दिन से ज्योति टॉकीज के सामने, गुरुदेव गुप्त से बोर्ड ऑफिस जाने वाला रास्ता, बोर्ड ऑफिस से अपेक्स बैंक तिराहे जाना वाले मार्ग बंद कर दिए हैं। बोर्ड ऑफिस से प्रगति चौराहा जाने वाला रास्ता भी बंद है। रोशनपुरा से पुलिस कंट्रोल रूम जाने वाला रास्ता पहले ही बंद कर रखा है।
जिंसी, पुल बोगदा के लिए विकल्प नहीं
सुभाष नगर फाटक को बंद हुए कई महीने हो चुके हैं। पुलिस ने सुभाष नगर और रचना नगर अंडर ब्रिज को बंद कर रखा है। ऐसे में जिंसी और पुल बोगदा से एमपी नगर की ओर आने वाले वाहनों को मेहता मार्केट, सिक्युरिटी लाइन तिराहा, भारती निकेतन, चेतक ब्रिज होकर आना-जाना पड़ रहा है। पुलिस की बैरिकेडिंग से वाहनों का दबाव कम नहीं हुआ है, बल्कि लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
पुलिस से हुई थी बहस; विवाद के बाद ड्राइवरों का टीटी नगर थाने पर प्रदर्शन
मंगलवार सुबह माता मंदिर के पास लगे बैरिकेड से पुलिस ने नगर निगम की कचरा गाड़ी को नहीं निकलने दिया। इसको लेकर ड्राइवर मो अनस की पुलिसकर्मियों से बहस हुई। पुलिस ने अनस को टीटी नगर थाने में बैठा लिया। इससे नाराज निगम के ड्राइवरों ने थाने का घेराव कर दिया। उन्होंने काम करने से इनकार कर दिया। अनस का कहना था कि अन्य लोग भी बैरिकेड से निकल रहे थे। निगम के अधिकारियों ने टीआई से बात की इसके बाद अनस को छोड़ दिया गया।
सोच- समझकर ही लगाए जाते हैं सड़कों पर बैरिकेड्स
अतिआवश्यक सेवाओं के लोगों को आवागमन में छूट है। सोच समझकर बैरिकेडिंग की जाती है। कई स्थानों पर सरप्राइज एलिमेंट दिया जाता है, जिससे फालतू लोग आवागमन नहीं करें। संक्रमण को रोकना हमारी चुनौती है।
– इरशाद वली, डीआईजी भोपाल