
झाबुआ के एक वार्ड में सामान्य-कोविड पेशेंट साथ-साथ भर्ती; रेमडेसिविर की हर जगह किल्लत
कोरोना की दूसरी लहर से प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। कहीं बेड नहीं हैं तो कहीं ऑक्सीजन। कहीं दवा नहीं है तो कहीं सरकारी सिस्टम कमजोर है। प्रदेश के 14 जिलों के बड़े सरकारी अस्पतालाें और श्मशानों का हाल देखा। इसमें जो मूल बात निकलकर आई, वो ये कि जो जिले महाराष्ट्र-गुजरात सीमा से सटे हैं और इन्हीं दो राज्यों पर ऑक्सीजन सप्लाई के लिए निर्भर हैं, वहां ऑक्सीजन संकट ज्यादा है। झाबुआ, नरसिंहपुर के सरकारी अस्पतालों के जनरल वार्ड में सामान्य मरीजों के साथ ही कोविड मरीजों को भी रखा जा रहा है। छोटे जिलों में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए तीन से चार दिन का इंतजार चल रहा है। दवा टोसिलिजुमैब, फैवीफ्लू बाजारों से गायब है।
दुर्दशा; सागर में फ्रीजर खराब, 20 शव सड़ रहे
सागर के बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज की मर्चुरी में रखे चाराें डीप फ्रीजर खराब हाे चुके हैं। यहां बीते 24 घंटे से रखे 20 शव सड़ांध मारने लगे हैं। मंगलवार को 23 शव और रखवा दिए गए। जबकि कुछ शवाें की काेराेना रिपाेर्ट नहीं आई है, इसलिए इन्हें रखा हुआ है। दरअसल श्मशानाें तक शव पहुंचाने के लिए एक शव वाहन है। हर दिन बढ़ते शव, अव्यवस्थाएं और प्रबंधन से सहयाेग नहीं मिलने के कारण मर्चुरी प्रभारी डाॅ. शैलेंद्र पटेल ने शाम को इस्तीफा दे दिया।
- नरसिंहपुर कलेक्टर वेद प्रकाश संक्रमित हाे गए हैं। वे जबलपुर में भर्ती हैं। उनका प्रभार आईएएस भरत यादव काे दिया गया है।
- झाबुआ कलेक्टर राेहित संक्रमित हैं। वे इंदाैर में भर्ती हैं। पन्ना कलेक्टर संजय मिश्रा अवकाश पर हैं। उनकी पत्नी-बच्चे दिल्ली में भर्ती हैं।
- रीवा मेडिकल काॅलेज की लैब के 5 कर्मचारी संक्रमित हाे गए। लैब में राेज 1800 सैंपल जांचते हैं। मंगलवार को 1400 ही जांचें हुईं।
नरसिंहपुर : अस्पताल में 300 बेड, 400 मरीज
नरसिंहपुर के शासकीय जिला अस्पताल में 300 बिस्तर हैं। इन पर 400 मरीज भर्ती हैं। इनमें भी 180 कोविड मरीज हैं, जो सामान्य मरीजों के साथ ही रह रहे हैं। 35 डॉक्टर, 40 नर्सिग स्टाफ, 21 अन्य पर इतनी देखरेख की जिम्मेदारी है। इन 35 में से अभी 11 डॉक्टर अवकाश पर हैं। इनमें भी पांच पॉजिटिव हैं। ऑक्सीजन सप्लाई हर दिन बेहतर है। रेमडेसिविर और फैवी फ्लू नहीं है।
उज्जैन : कुर्सी पर भी मरीज भर्ती कर दिए
कोविड अस्पताल माधवनगर। क्षमता 123 बेड, मरीज 140 भर्ती हैं। बरामदों, स्ट्रेचर, कुर्सी, एंबुलेंस, डॉक्टर्स के चैंबरों में मरीज रखे हैं। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में मरीजों को बाईपैप मशीनें लगाई गई हैं। रोज 20 टन ऑक्सीजन चाहिए, 6 टन ही मिल रही है। 550 रेमडेसिविर चाहिए, मिल 446 रही हैं। आईसीयू के लिए 25 मरीज वेटिंग में हैं।
रतलाम : गांवों से आ रहीं 30 ट्रॉली लकड़ियां
यहां 1174 एक्टिव केस हैं। मेडिकल कॉलेज के सभी 596 बेड फुल हैं, क्योंकि मंदसौर, नीमच, झाबुआ, उज्जैन, धार से मरीज आ रहे हैं। 450 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। मुक्तिधामों में लकड़ियां हर दिन कम पड़ रही हैं। आसपास के गांवों से 30 ट्रॉली लकड़ियां जुटाई गई हैं। यहां नर्सिंग स्टाफ के 153 पद खाली हैं, जिनके लिए पांच दिन से भर्तियां चल रही हैं, लेकिन अब तक 56 उम्मीदवार ही मिल पाए हैं। ऑक्सीजन की कमी है, हर दिन सूरत से 8 से 10 किलोलीटर ही सप्लाई हो रही है।
ऑक्सीजन की कमी से मप्र में अब तक 56 मौतें हो चुकी हैं। इसलिए स्वास्थ्य मंत्रीजी! गुजारिश है, इन लाइनों को सांस रोककर पढ़िए
ऑक्सीजन की कमी से सोमवार को भोपाल के पीपुल्स हॉस्पिटल में 10 मरीजों की मौत हो गई। जबकि 18 अप्रैल को शहडोल में भी ऑक्सीजन की कमी के कारण 12 मरीजों की सांसें थम गईं। अब तक ऐसी 56 मौतें हो चुकी हैं। अस्पतालों की सांसें थम रही हैं। अब तो हालत ये हैं कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कई अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं। सरकार की तैयारियों की हालत यह है कि प्रदेश में सरकार का आज तक अपना एक भी ऑक्सीजन प्लांट नहीं है
इन खबरों को सांस रोककर पढ़ने पर 20 सेकंड में ही आपकी सांसें फूली होंगी। ऑक्सीजन लेवल 85-90 तक गिरा होगा… प्रभुराम चौधरीजी, आप तो डॉक्टर हैं… सोचिए, उन कोरोना मरीजों का…जिनका ऑक्सीजन लेवल 40-50 ही है और उन्हें घंटों तक ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है।
स्वास्थ्य आग्रह : कुछ तो कीजिए…मरीजों को सांस दीजिए