
ग्वालियर में संक्रमण दर 33 फीसदी, भोपाल में 28 फीसदी पर पहुंचा
मध्यप्रदेश में लाॅकडाउन और नाइट कर्फ्यू के बाद भी कोरोना की रफ्तार काबू नहीं हो रही है। मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही संसाधन खत्म होते जा रहे हैं। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। चिताएं ठंडी होने से पहले ही दूसरे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। 24 घंटे में यहां डेढ़ गुना ज्यादा मरीज मिले हैं। इन 4 बडे़ शहरों में 4136 नए केस और 21 मौतें हुई हैं। इंदौर में सबसे ज्यादा 1552 संक्रमित आए हैं, जहां 6 मौतें हुई हैं। भोपाल में 1456 नए केस और 5 मौत हुई है। ग्वालियर में 576 संक्रमित मिले, 6 की जान गई है। जबलपुर में 552 नए मरीज आए, 4 की मौत हो गई। ग्वालियर में सबसे ज्यादा संक्रमण दर 33 फीसदी और भोपाल में 28 फीसदी है।
जबलपुर के चौहानी श्मशान घाट में सोमवार को 30 कोरोना संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया। प्रशासन के रिकॉर्ड में 2 दिन में 8 मौतें हुई हैं। वहीं दो सस्पेक्टेड शवों का अंतिम संस्कार किया गया। कई शवों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में रोकना पड़ा। मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर के मुताबिक एक चिता जलाने के बाद उसे ठंडा होने में वक्त लगता है, पर चौहानी श्मशान घाट में एक चिता की लपटें बुझते ही दूसरी की चिता सजानी पड़ती है। यही स्थिति भोपाल के भदभदा विश्राम घाट की है। यहां सोमवार को 41 कोरोना संक्रमितों के शव पहुंचे। जलाने के लिए जगह ही नहीं थी। जलती चिताओं के बीच बेहद नजदीक दूसरी चिताएं सजाई जा रही थीं। इंदौर के 5 श्मशान घाटों में 12 दिन में 990 अंतिम संस्कार किए गए हैं, जिसमें से 319 कोरोना संक्रमितों के शव थे। यहां भी अंतिम संस्कार के लिए इंतजार कराया जा रहा है।
इंदौर: पिछले साल पूरे अप्रैल में 1400 मरीज और अब एक दिन में 1552
अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा 1552 नए कोरोना मरीज मिले और छह लोगों की मौत हो गई। पिछले साल पूरे अप्रैल महीने में करीब 1400 मरीज मिले थे, लेकिन इस बार एक दिन में ही उससे ज्यादा मरीज सामने आ गए हैं। हालांकि सोमवार को रिकॉर्ड सैंपल जांचे गए। अब तक एक दिन में सर्वाधिक 8553 सैंपल की जांच हुई। पॉजिटिव रेट बढ़कर 18 फीसदी पर पहुंच गया है। 5 से 12 अप्रैल के सात दिनों का औसत पॉजिटिव रेट 15 फीसदी हो गया है। इस दौरान 7762 मरीज मिले हैं। देश के करीब 20 शहरों में एक दिन में 1500 से ज्यादा मरीज मिले हैं। अब इंदौर भी इस सूची में शामिल हो गया है। मौतें भी ज्यादा हैं। सरकारी रिकॉर्ड में भले ही 11 दिन में कोरोना से 43 मौतें बता रहे, लेकिन हकीकत में शहर के तीन मुक्तिधामों में ही 24 घंटे में 23 कोविड शव पहुंचे हैं।
भोपाल: संक्रमण दर 28 फीसदी पर
राजधानी भोपाल में कोरोना से हालात ज्यादा खराब हो गए हैं। 24 घंटे में 5200 सैंपल में रिकार्ड 1456 संक्रमित मिले हैं। यानी एक दिन में 44% की वृद्धि हुई है। 11 अप्रैल को भोपाल में 824 केस मिले थे और 3 संक्रमितों की मौत हुई थी, लेकिन सोमवार को 5 मौतें दर्ज की गई हैं। पिछले सोमवार को 618 केस आए थे। 7 दिन में 42% की बढ़ोतरी हुई है। पॉजिटिविटी रेट 28% पहुंच गया है। जो 5% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यानी पॉजिटिविटी रेट करीब 6 गुना हो गई है। यही वजह है कि भोपाल में अभी तक कोराना कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि कोरोना से लड़ने की प्रशासनिक रणनीति पहले उन इलाकों में लॉकडाउन करने की थी, जहां ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं।
ग्वालियर में सबसे ज्यादा 33 फीसदी संक्रमण दर
यहां सैंपल देने वाला हर तीसरा व्यक्ति पॉजिटिव मिला है। 24 घंटे में 576 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं, जबकि 1741 सैंपल की जांच हुई थी। प्रदेश में सबसे ज्यादा संक्रमण दर 33 फीसदी यही पर है। 6 संक्रमितों की मौत हुई। सिर्फ पांच दिन में कोरोना संक्रमित का आंकड़ा 20 हजार से बढ़कर 22 हजार के पार हो गया है। एक्टिव केस 2939 हो गए हैं। सोमवार को 50 जगहों पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन और 3 वार्डों के 25 मोहल्ला व कॉलोनियों में 19 अप्रैल तक कंटेनमेंट जोन बना दिया गया। सोमवार शाम को जिला प्रशासन ने सभी धार्मिक स्थलों व संस्थानों में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। कोचिंग क्लासेस बंद करने का आदेश दे दिया है।
जबलपुर: शवों के अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग
लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाने का भी कोई फायदा नहीं हो रहा है। 552 नए केस मिले। सरकारी आंकड़ों में एक बार फिर चार ही मौत दिखाई गई, लेकिन चौहानी श्मशान की हकीकत आंसू लाने वाली थी। यहां लाशों को जलाने के लिए जगह तक नहीं बची थी। घंटों लोगों को इंतजार करना पड़ा। यहां 30 संक्रमितों की लाशें जली। चार सस्पेक्टेड भी पहुंचे थे और इतनी ही लाशें मेडिकल व निजी अस्पतालों में वेटिंग में हैं। अब उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को हो पाएगा।