Wednesday, September 24

MP में सरकारी तंत्र पर कोरोना का असर:मंत्रालय समेत राज्यस्तरीय दफ्तरों में थर्ड और फोर्थ क्लास स्टाफ 25% ही रोटेशन से आएगा; जिले के दफ्तरों का फैसला कलेक्टर लेंगे

राज्य शासन ने जारी किया आदेश
मध्यप्रदेश में कोरोना के हालात बिगड़ने का असर सरकारी तंत्र पर पड़ना शुरू हो गया है। राज्य शासन ने सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित कर दी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में रविवार को आदेश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक मंत्रालय व राज्य स्तरीय कार्यालयों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की उपस्थिति 25% रोटेशन से होगी, जबकि प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत रहेगी। जिलों में इस संबंध में कलेक्टर निर्णय लेंगे।

आदेश में कहा गया है कि कलेक्टर कोरोना कर्फ्यू (लॉकडाउन) क्षेत्र में जिला अथवा संभग स्तरीय कार्यालयों को पूरी तरह या आंशिक रूप से संचालित करने का निर्णय लेंगे। आदेश में यह भी कहा गया है कि अधिकारी और कर्मचारियों के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और अन्य सावधानियां रखने की जिम्मेदारी कार्यालय के प्रभारी अधिकारी की होगी।

कोरोना की दूसरी लहर में मंत्रालय में अब तक 46 कर्मचारी संक्रमित मिल चुके हैं। जबकि काेरोना की पहली लहर में 126 कर्मचारी संक्रमित हुए थे। मंत्रालय कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंप कर कर्मचारियों की उपस्थिति 50% करने की मांग की थी। बताया जाता है कि शुक्रवार को मंत्रालय के रजिस्ट्रार ने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को प्रस्ताव भेजा था, जिसमें कहा गया था कि गृह विभाग सहित कई विभागों के कर्मचारी संक्रमित हो रहे हैं। लिहाजा कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित की जाए।

बता दें कि लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय में एक कर्मचारी की कोरोना से मौत हो चुकी है। ऐसे में इस कार्यालय में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है।