
महाराष्ट्र में कोरोना से हालात लगातार बिगड़ रहे है। पिछले 24 घंटों में यहां 13,659 नए केस सामने आए हैं। यह संख्या कोरोना से प्रभावित टॉप-10 देशों में शामिल रूस, ब्रिटेन, स्पेन और जर्मनी में मिले नए मामलों से ज्यादा हैं। महाराष्ट्र की स्थिति पर केंद्र सरकार ने भी चिंता जताई है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने इसकी वजह टेस्टिंग में कमी और लापरवाही को बताया है। वहीं, राज्य सरकार ने कई बड़े शहरों में सख्त पाबंदियां लगा दी हैं।
3 बड़े शहरों में सख्ती…
1. नागपुर में 1 हफ्ते का लॉकडाउन
नागपुर जिले में पिछले 24 घंटों में 1860 नए संक्रमित मिले हैं। इस मामले में नागपुर पुणे के बाद दूसरे नंबर पर रहा। इस दौरान यहां 8 लोगों की मौत भी हुई है। इसे देखते हुए सरकार ने
नागपुर में 15 से 21 मार्च तक 1 सप्ताह का हार्ड लॉकडाउन लगा दिया है। हार्ड लॉकडाउन में बहुत जरूरी गतिविधियों की ही इजाजत होती है। नागपुर में अब तक 1.64 लाख मरीज मिल चुके हैं।
2. आज रात से जलगांव में जनता कर्फ्यू
जलगांव नगर निगम सीमा में गुरुवार रात 8 बजे से 15 मार्च की सुबह 8 बजे तक जनता कर्फ्यू लागू किया गया है। इस दौरान इमरजेंसी सर्विस, PSC और दूसरी परीक्षाओं वाले डिपार्टमेंट को छूट दी जाएगी। इससे पहले अमरावती में 15 दिनों का लॉकडाउन और पुणे में नाइट कर्फ्यू लग चुका है।
3. औरंगाबाद में वीकेंड लॉकडाउन का ऐलान
महाराष्ट्र सरकार ने संभाजीनगर (औरंगाबाद) में वीकेंड पर लॉकडाउन लागू करने का ऐलान किया है। यहां गुरुवार से कोरोना नियमों को कड़ा कर दिया गया है। सड़क पर पुलिस तैनात की गई है। बिना मास्क पहने घूमने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। पिछले दिनों राज्य के मंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया था कि 11 मार्च से 4 अप्रैल तक संभाजीनगर में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रतिबंध लागू रहेंगे। वीकेंड पर पूरी तरह से लॉकडाउन होगा। इस दौरान स्कूल, कॉलेज, मैरिज हॉल बंद रहेंगे।
नागपुर में मिनी लॉकडाउन से असर नहीं पड़ा
बिजली मंत्री नितिन राउत ने गुरुवार को कहा कि नागपुर सिटी में 14 मार्च तक मिनी लॉकडाउन लगाया गया था। इसका ज्यादा असर नहीं दिख रहा था। प्रशासन ने शनिवार और रविवार को 2 दिन बंद का आह्वान किया था। व्यापारियों ने अच्छा रिस्पांस दिखाया और बाजार बंद भी रखा, लेकिन आम लोग पहले की तरह सड़कों पर नजर आए। कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे थे। इसके बाद हार्ड लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया।
राउत ने बताया कि जरूरी सेवाओं को छोड़ कर सभी दुकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, सरकारी और निजी ऑफिस बंद रखने का फैसला लिया गया है। लॉकडाउन के दौरान वैक्सीनेशन बंद नहीं होगा। हालांकि, हॉस्पिटल में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराना होगा। आई-क्लीनिक और चश्मे की दुकानें खुली रहेंगी।
‘महाराष्ट्र में टेस्टिंग में कमी और लापरवाही से केस बढ़े’
नीति आयोग और हेल्थ मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश में कोरोना की स्थिति की जानकारी दी। इस दौरान महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई गई। ICMR के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि महाराष्ट्र ने चिंता में डालने वाला ट्रेंड दिखाया है। यहां संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे नया स्ट्रैन नहीं पाया गया है। यह सिर्फ कम टेस्टिंग, ट्रैकिंग, लापरवाही भरे व्यवहार और लोगों के बड़े जमावड़े की वजह से हुआ है।
वहीं, नीति आयोग के मेंबर (हेल्थ) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हम महाराष्ट्र को लेकर बहुत चिंतित हैं। यह गंभीर मामला है। इसके 2 सबक हैं- अगर हमें कोरोना से मुक्त रहना है तो वायरस से बचकर रहें और सभी गाइडलाइंस का पालन करें।
मुंबई में अक्टूबर के बाद सबसे ज्यादा केस मिले
महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना वायरस के 13,659 केस सामने आए थे। मुंबई में 1,539 संक्रमित मिले। यहां 8 मार्च को 1361 मामले दर्ज किए गए थे, जो 28 अक्टूबर के बाद सबसे ज्यादा थे। मुंबई में लगातार हर रोज 1 हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं।
राज्य में अब तक 22.52 लाख केस
पिछले 24 घंटों में महाराष्ट्र में 13,659 नए केस सामने आए हैं। www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक, जर्मनी में 10 मार्च को 12,246, रूस में 9,079, ब्रिटेन में 5,926 और स्पेन में 6,672 मरीज मिले। इस लिहाज से ये सभी देश महाराष्ट्र से पीछे हैं। यहां अब तक कोरोना वायरस के 22.52 लाख केस आ चुके हैं। इससे मरने वालों की संख्या 52,610 हो चुकी है।
उद्धव ठाकरे ने वैक्सीन लगवाई
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में कोरोना की पहली वैक्सीन लगवाई। इस दौरान उनके बेटे आदित्य ठाकरे और पत्नी रश्मि ठाकरे भी हॉस्पिटल में मौजूद रहीं।