Wednesday, September 24

जनजाति सम्मेलन:राष्ट्रपति का सुझाव-सिंगौरगढ़ को नेशनल ट्राइबल हब बनाएं, राष्ट्रपति कोविंद ने 30 करोड़ की लागत से किले के संरक्षण कार्य का शिलान्यास किया

  • मुख्यमंत्री बोले-अब हर साल 24 जून से तीन दिन मनाएंगे रानी दुर्गावती महोत्सव

जिले के इतिहास में रविवार का दिन खास उपलब्धि के लिए दर्ज हो गया। ऐसा पहली बार हुआ जब दमोह की धरती पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहुंचे और उन्होंने सिंगौरगढ़ के किले के संरक्षण कार्य के शिलान्यास और राज्य स्तरीय जनजातीय सम्मेलन में भाग लिया।

उन्हाेंने मंच से कहा कि दमोह पहले कभी नहीं आया। बुंदेलखंड में वर्ष 2017 के झलकारी बाई के कार्यक्रम में शामिल हुआ था। सिंग्रामपुर पहुंचे राष्ट्रपति ने पर्यटन की संभावनाओं के विस्तार के उद्देश्य से सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण कार्य का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि अब 24 जून को बलिदान दिवस से 3 दिन तक रानी दुर्गावती महोत्सव मनाया जाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुझाव दिया कि सिंगौरगढ़ को नेशनल ट्राइबल हब के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमत्री स्वतंत्र प्रभार प्रहलाद पटेल, केन्द्रीय राज्य मंत्री इस्पात फग्गन सिंह कुलस्ते, नगरीय विकास विभाग मंत्री भूपेन्द्र सिंह और जनजातीय कार्य विभाग मंत्री सुश्री मीना सिंह मांडवे मौजूद रहीं। कार्यक्रम में राष्ट्रपति का मुख्यमंत्री चौहान ने गौंड़ कलाकार आनन्द श्याम द्वारा बनाई गई गौंड़ कलाकृति भेंट कर सम्मान किया। बड़ादेव मंदिर और खेरमाई मंदिर बनेगा मुख्यमंत्री ने मंच से घोषणा की कि जबेरा विकासखण्ड की चौरई पंचायत में बड़ादेव मंदिर निर्माण के लिए हर संभव सहयोग होगा और ग्राम कलहरा में खेरमाई मंदिर का निर्माण कराया जाएगा।

आदिवासियों के पास जीवन जीने की कला, ये समृद्ध विरासत संजोए हुए हैं
राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा- जीवन जीने की कला हमारे जनजातीय भाइयों के पास है। वे कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को संजोए हुए हैं…वास्तव में जनजातीय समुदाय के पास शहरी लोगों को सिखाने के लिए बहुत कुछ है…जब हम जनजातीय समुदाय के साथ काम करते हैं, तो हमें हमेशा खुले दिमाग से काम करना चाहिए…हमें हमेशा विनम्रता बनाए रखनी चाहिए…जनजातीय समुदायों को मुध्य धारा से जोड़ने के साथ यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि उनकी संस्कृति में कोई बदलाव न हो। संस्कृति ही उनकी असली पहचान है।

गोंडवाना, महाकौशल, ‍त्रिपुरी राजाओं की भी कर्मभूमि यही बुंदेलखंड रहा है
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि यह उनके और दमोह के लिए एतिहासिक दिन है। कन्द्रीय मंत्री ने कहा हम सब मिलकर शहीद रानी दुगार्वती की स्मृति में जून में कार्यक्रम का आयोजन करते हंै। आगे कहा कि बुंदेलखंड अपना समय के साथ नाम बदलता रहा, कभी बुंदेलखंड, गोंडवाना, महाकौशल, ‍त्रिपुरी राजाओं की भी कर्मभूमि यही बुंदेलखंड रहा है। इस बीच जनजातीय कार्य विभाग मंत्री मीना मांडवे ने अतिथियों का स्वागत किया।

बलिदान दिवस पर तीन दिन देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम होंगे
राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रानी दुर्गावती की गौरव गाथा कोई नहीं भूल सकता। आज का दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण है, क्यों कि हमारे देश के राष्ट्रपति द्वारा सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण कार्य के लिए होने वाले कार्यों का शिलान्यास किया है। मुख्यमंत्री ने रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष तीन दिवसीय कार्यक्रम के आयोजन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय कार्यक्रम देशभक्ति से ओतप्रोत होंगे।

कार्यक्रम के दौरान कला प्रशिक्षण की वर्चुअल क्लास के पोर्टल का शुभारंभ
कार्यक्रम में सिंग्रामपुर की ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करती वीडियो फिल्म का प्रदर्शन हुआ। शास्त्रीय संगीत के ख्यातिलब्ध कलाकार सौंड़क ने भी अपनी प्रस्तुति दी। जनजातीय विभाग की पुस्तिका ‘‘बानगी’’ का विमोचन किया गया। इसके अलावा जनजातीय कलाकारों द्वारा कला प्रशिक्षण वर्चुअल क्लास के पोर्टल ‘‘आदिरंग डॉट कॉम’’ का शुभारंभ भी राष्ट्रपति ने किया। इस बीच जनजातीय वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को शंकरशाह और रानी दुर्गावती पुरस्कार से पुरस्कृत किया।

महानायिका को महामहिम का नमन…

जनजातीय पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव नहीं होता
राष्ट्रपति ने सम्मेलन में कहा-जनजातीय भाई-बहनों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है… इनमें महिलाओं और पुरुषों के बीच भेद भाव नहीं होता। इसलिए जनजातीय आबादी में स्त्री और पुरुष अनुपात सामान्य आबादी से बेहतर है… । उन्होंने कहा कि आदिवासी जीवन में सहजता होती है तथा परिश्रम का सम्मान होता है। यदि आपको मानवता की जड़ों से जुड़ना है, तो जनजातीय समुदाय के जीवन मूल्यों को अपनी जीवन शैली में लाने का प्रयास करना होगा।उन्होंने बैगा समुदाय के बारे में कहा कि समुदाय के लोग असाध्य रोगों का अचूक इलाज करते हैं।

इस बीच उन्होंने मेड इन इंडिया के साथ-साथ हैण्ड मेड इन इंडिया को भी प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प के क्षेत्र में हमारे आदिवासी भाई-बहन अद्भुत कौशल के धनी हैं। ऐसा प्रयास किया जाना चाहिए जिससे उनके हस्त शिल्प के उत्पादों को अच्छी कीमत और व्यापक स्तर पर बाजार मिल सके। इस बीच उन्हाेंने सिंगौरगढ़ परिक्षेत्र नेशनल ट्राइबल टूरिज्म हब के रुप में विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को इस दिशा में प्रयास करने का सुझाव दिया। कहा कि सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्यों से भविष्य में यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि महत्वपूर्ण होगा। राष्ट्रपति ने मध्यप्रदेश में एकलव्य जनजातीय आवासीय विद्यालय के बच्चों की प्रस्तुति और रानी दुर्गावती एवं शंकरशाह के नाम से स्थापित किए गए पुरुस्कारों की सराहना की।