Wednesday, September 24

भय्यू महाराज आत्महत्या मामला:आयुषी ने कहा, मैं सुसाइड नोट को नहीं मानती, क्योंकि महाराज हिंदी में लिखते थे, जबकि सुसाइड नोट अंग्रेजी में था

भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में शुक्रवार को उनकी पत्नी आयुषी के बयान पूरे हो गए हैं । जिला कोर्ट में अब बचे हुए गवाह के के बयान भी होना बाकी है । महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी जिला कोर्ट में 12:30 बजे उपस्थित हुई जहां पर शरद के वकील द्वारा 1:30 बजे तक उनसे सवाल जवाब किए गए। डेढ़ बजे बाद विनायक के एडवोकेट आशीष चोरे द्वारा इस मामले में 4:30 तक क्रॉस एग्जामिनेशन किया।

सवाल –– क्या महाराज रसिया थे, क्या महाराज के फिल्म अभिनेत्री और अन्य महिलाओं से संबंध हैं?

जवाब — ऐसा नहीं है, महाराज अच्छे चरित्र के थे।

सवाल — क्या महाराज और आपके बीच कोई विवाद है?

जवाब — नहीं।

सवाल – सुसाइड नोट के बारे में आप क्या जानते हैं?

जवाब — सुसाइड नोट को मै नहीं मानती। महाराज हिंदी में लिखते थे, जो सुसाइड नोट मिला था वह अंग्रेजी में था।

सवाल – महाराज के पास 3 करोड़ 90 लाख रुपए मार्च 2018 में मुंबई से आए थे? ये पैसा किसने भेजा?

जवाब –नहीं मालूम। न ही मैंने जानने की कोशिश की।

पूरे मामले में अब आरोपी के सभी अधिवक्ताओं द्वारा आयुषी से क्रॉस एग्जामिनेशन की जा चुकी है और प्रकरण में अब 9, 10 और 15 मार्च को सुनवाई होगी। पूरे प्रकरण में अब तक 18 लोगों की गवाही हो चुकी है, जिसमें शेखर शर्मा जो कि महाराज का पीए था उसकी गवाही अधूरी रह गई थी। एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर का कहना है कि मामले में आयुषी के माता-पिता के अलावा भय्यू महाराज की मां को भी गवाही के लिए बुलाया जा सकता है।

जनवरी में पहुंची थी बयान देने- डॉ. आयुषी जनवरी के अंत में बयान देने कोर्ट पहुंची थीं। हालांकि बयान के दूसरे दिन आयुषी के दादाजी का निधन होने से वे ग्वालियर चली गई थीं। बता दें कि अब तक केस में 18 गवाहों के बयान हो चुके हैं। इनमें महाराज की बेटी, दोनों बहनें, सेवादार और डॉक्टर शामिल हैं। भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को अपने घर पर गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। मामले में पुलिस ने महाराज के सेवादार विनायक, पलक और शरद को गिरफ्तार किया था।

यह था मामला – भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। महाराज की मौत के करीब छह महीने बाद पुलिस ने महाराज के ही तीन सेवादारों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। एक सेवादार कैलाश पाटिल से मिली सूचना के आधार पर ही पुलिस आरोपियों तक पहुंची थी, लेकिन कैलाश ही बयान देने नहीं आ रहा।