पटना
बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार के करीबी दो मंत्रियों को बर्खास्त करने के बाद आज दोपहर दो बजे अपने घर कैबिनेट की बैठक बुलाई है। चर्चा है कि वह बिहार विधानसभा को भंग करने की सिफारिश भी कर सकते हैं। कैबिनेट मीटिंग का वक्त पार्टी अध्यक्ष शरद यादव द्वारा बुलाई गई विधायक दल की बैठक के आस-पास ही रखा गया है। विधायक दल की बैठक चार बजे होने वाली है। इस बीच, चौंकाने वाले घटनाक्रम में मांझी नीतीश कुमार के पटना स्थित घर पर मिलने पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि सुलह समझौते की कोशिश भी चल रही है।
मांझी के प्रति अपना समर्थन जाहिर करने वाले ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा ने कैबिनेट बैठक की पुष्टि की, लेकिन कहा कि उन्हें अभी तक इसके बारे में आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। जेडी (यू) नेता नीतीश कुमार के करीबी वफादार और खाद्य मंत्री श्याम रजाक ने बताया कि उन्हें बैठक की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन यदि कोई बैठक हो रही है तो मैं जाऊंगा क्योंकि अभी तक मांझी मुख्यमंत्री हैं।’
इससे पहले अपने विरोधी गुट पर हमला बोलते हुए शुक्रवार रात मांझी ने पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और वन एवं पर्यावरण मंत्री पी के शाही को हटाने की सिफारिश राज्यपाल को भेजे दी थी। ललन और शाही को नीतीश का करीबी समझा जाता है और मांझी खेमे को लगता है कि उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाने की कोशिशों में दो बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। राजभवन सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के पटना पहुंचने की कोई खबर नहीं है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल त्रिपाठी के पास बिहार और मेघालय का प्रभार भी है।
मुख्यमंत्री ऑफिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को दो बजे मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई है। मांझी के पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार उन्हें सुबह 10 बजे पटना में आयोजित बिहार फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में शामिल होना था और उसके बाद नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए शाम पांच बजे वह दिल्ली के लिए रवाना होने वाले थे। लेकिन, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में आज फेरबदल किया गया है। अब बिहार फाउंडेशन के कार्यक्रम में उनके भाग लेने का जिक्र नहीं है और उसमें दो बजे कैबिनेट की बैठक और शाम पांच बजे दिल्ली के लिए रवाना होने का जिक्र है। जनता दल (यू) के जनरल सेक्रेटरी के सी त्यागी ने साफ शब्दों में कहा कि नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना जाएगा और वह सत्ता का नियंत्रण अपने हाथों में लेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के नए नेता के चुनाव के लिए नीतीश कुमार पहले और अंतिम विकल्प हैं। त्यागी पार्टी अध्यक्ष शरद यादव के काफी करीबी हैं। शरद यादव ने जेडी (यू) और बिहार सरकार में संकट के लिए बीजेपी नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि बिहार में जो कुछ भी हो रहा है उसकी स्क्रिप्ट दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने लिखी है