
- हमीदिया अस्पताल में भर्ती है फरियादी लड़की, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
- एक और फरियादी लड़की की बयान देते वक्त तबीयत खराब, जेपी में हुआ इलाज
राजधानी भोपाल के हाईप्रोफाइल प्यारे मियां यौन शोषण के मामले में नया मोड़ आ गया है। बालिका गृह में रह रही एक पीड़िता ने नींद की गोलियां खा लीं। उसे सोमवार देर रात हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अविनाश लवानिया ने न्यायायिक जांच के आदेश दे दिए हैं।
हालांकि इस मामले में बाल गृह के कर्मचारियों और अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। सूचना मिलते ही नाबालिग के परिजन भी अस्पताल पहुंच गए थे। उन्होंने बाल गृह पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। सवाल उठाए कि गोलियां बालिका गृह में कैसे पहुंची?
पूरे मामले में कमला नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को जांच शुरू कर दी है। इसमें एक अन्य नाबालिग लड़की के बयान भी लिए गए। जिसके बाद उसकी भी तबीयत खराब हो गई। उसे जेपी अस्पताल ले जाया गया। यहां पर तीन घंटे भर्ती करने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
परिजनों का आरोप, पीड़िता को दी गई नींद की गोली
नाबालिग के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पीड़िता को नींद की गोली दी गई है। जिसका डोज ज्यादा होने से उसकी स्थिति खराब हो गई। लड़की की मां ने सवाल किया है कि गोलियां बालिका गृह कैसे पहुंची?
परिजन ने किया हमीदिया अस्पताल के बाहर हंगामा
डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि लड़की की तबीयत खराब है। उसे वेंटिलेटर पर लेकर गए हैं। इस पर परिजन हॉस्पिटल के बाहर हंगामा करने लगे। वे इस स्थिति की जिम्मेदारी बालिका गृह की बता रहे हैं। आरोप लगा रहे हैं कि बालिका गृह में उनकी बेटी को फरियादी की जगह कैदी की तरह रखा जा रहा है। उसे परिवार वालों से भी मिलने नहीं दिया जा रहा।
पीड़िता की मां ने कहा कि मुझे कोई बोल रहा है मेरी बेटी का ब्रेन डेड हो गया, कोई कह रहा है, वह नहीं रही। मुझे समझ में नहीं आ रहा। मुझे मेरी बेटी से मिलने भी नहीं दिया जा रहा। मुझे मेरी बच्ची जिंदा चाहिए।
तीन दिन पहले हुआ था झगड़ा
गौरतलब है कि राजधानी भोपाल के कमला नगर क्षेत्र में बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों और बालिका गृह की अध्यक्षता के बीच झगड़े का भी मामला सामने आया था। इसमें दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई थी और पुलिस को हस्तक्षेप कर मामले को ठंडा कराया गया था। अब उसके 3 दिन बाद इस तरह की घटना सामने आई है।