Sunday, October 19

इसलिए कोहरे का असर नहीं:मध्यप्रदेश में सीजन में इस बार सामान्य से 35% तक कम पानी गिरा; कोहरे के लिए नमी और बारिश होना जरूरी

  • पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 58% कम पानी गिरा
  • पूर्वी मध्य प्रदेश में यह 33% से भी कम रहा

मध्यप्रदेश में इस सीजन में अब तक औसत से काफी कम बारिश हुई है। मध्य प्रदेश के कई इलाकों में तो यह सामान्य से काफी कम रही। इस कारण मौसम विभाग के दिसंबर में कड़ाके की ठंड होने की उम्मीद जताने के बाद भी अब तक ठंड का उतना एहसास नहीं हो सका है। इसी कारण कोहरा भी नहीं पड़ा। इसका मुख्य कारण दिन और रात के तापमान का सामान्य के आसपास रहना है। इसके साथ ही तीन कारणों से कोहरा ज्यादा असरकारी नहीं हो पा रहा है।

मौसम वैज्ञानिक पीके साहा के अनुसार कोहरे के लिए तीन बातों का होना जरूरी है। अगर इनमें से एक भी नहीं होती है, तो फिर कोहरा नहीं पड़ता है। इसमें सबसे अहम बारिश और नमी का होना है। इसके कारण ही कोहरा बनता है। इससे हवाएं भारी होने से ऊपर नहीं उठ पाती और वह नीचे ही रहती हैं, जिससे कोहरा और धुंध की स्थिति निर्मित हो जाती है। हवाएं अगर तेज गति से चलती है तो वह कोहरा साफ कर देती है। इसी कारण कोहरा नहीं बन पाता है। साहा के अनुसार नमी नहीं आने से और तेज हवाओं के कारण अभी की स्थिति में कोहरा नहीं बन पा रहा है।

इसलिए रहा था कोहरा

साहा ने बताया कि बीच में अरब सागर से आने वाली नमी के कारण कोहरा रहा था। अरब सागर से लगातार नमी आने के कारण कुछ दिन तक भोपाल समेत प्रदेश भर में कोहरे की स्थिति रही थी। हालांकि वहां से नमी आना बंद होने के बाद कोहरा भी धीरे-धीरे कम गया।

अभी सुबह रह रहा कोहरा

प्रदेश में फिलहाल सुबह-सुबह 6 से 8 बजे के बीच में करीब एक 2 घंटे कोहरा रहता है, लेकिन यह इतना नहीं रहता कि जिससे दृश्यता पर असर आए। हालांकि ग्वालियर, उज्जैन, पचमढ़ी समेत कुछ संभागों में कुछ जगह इस साल ज्यादा कोहरा रहा है।

प्रदेश में बारिश की स्थिति

मध्य प्रदेश में इस साल 1 अक्टूबर से लेकर 28 दिसंबर तक प्रदेश के अधिकांश जगहों में बारिश सामान्य से काफी कम रही। कई जगह तो 90% से भी कम पानी गिरा। हालांकि 9 स्थानों पर सामान्य बारिश रही, जबकि उमरिया और शहडोल में सामान्य से ज्यादा पानी रिकॉर्ड किया गया। पूर्वी मध्यप्रदेश में यह 56 मिमी होना था, जबकि अभी तक यह 39.7 मिमी ही हुई है। पश्चिम मध्यप्रदेश में 50.2 मिमी की तुलना में 21.3 मिमी ही हुई है।

सबसे कम बारिश नरसिंगपुर में 99% कम हुई। इसके अलावा शिवपुरी, अशोक नगर, सागर, विदिशा, शिवपुरी, दतिया, टीकमगढ़, नीमच, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, देवास, खंडवा, सीहोर, शाजापुर, आगर, दमोह, जबलपुर, सतना और रीवा में 50% से भी कम बारिश हुई, जबकि भोपाल, उज्जैन, धार, बड़वानी, खरगौन, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, छतरपुर, पन्ना, कटनी और सीधी में करीब 40 से 50% तक इस बार बारिश कम रही।

सबसे कम बारिश वाले शहर

शहरबारिश % में कम
नरसिंगपुर97
शिवपुरी95
रायसेन87
जबलपुर83

ज्यादा बारिश वाले शहर

शहरबारिश % में ज्यादा
नीमच17
अनूपपुर15
सीधी14
बालाघाट13