
दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में अरुण जेटली की प्रतिमा लगाए जाने से नाराज पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) छोड़ दी है। बेदी का कहना है कि जेटली चापलूसों से घिरे रहते थे। वे काबिल नेता जरूर थे, लेकिन एक गूगल सर्च से पता चल जाएगा कि जेटली के वक्त DDCA में कितना करप्शन हुआ। नाकामियों को भुलाया जाता है, इस तरह प्रतिमा लगाकर नाकामियों का जश्न नहीं मनाया जाता।
भारत के लिए 67 टेस्ट में 266 विकेट ले चुके बेदी ने जेटली के बेटे और मौजूदा DDCA अध्यक्ष रोहन जेटली को चिट्ठी लिखकर ये बातें कही हैं। उन्होंने कोटला स्टेडियम में अपने नाम का स्टैंड हटाने की भी मांग की है।
जेटली 14 साल DDCA प्रेसिडेंट रहे
यहां जेटली की 6 फीट ऊंची प्रतिमा लगाने का फैसला भी किया गया था। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रहे जेटली 1999 से 2013 तक DDCA के अध्यक्ष रहे। उनके बाद रजत शर्मा DDCA प्रेसिडेंट बने। उन्होंने इस्तीफा दिया तो जेटली के बेटे रोहन को बिना विरोध अध्यक्ष चुना गया था।
बेदी बोले- स्टेडियम का नाम बदला तो लगा कि कुछ अच्छा होगा
जेटली का पिछले साल 24 अगस्त को निधन हो गया था। इसके बाद पिछले साल 12 सितंबर को फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम कर दिया गया था। इस बारे में बेदी ने रोहन जेटली को लिखी चिट्ठी में लिखा, ‘जब जल्दबाजी में कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम किया गया, तब उम्मीद थी कि कुछ अच्छा होगा, लेकिन मैं गलत था। अब सुन रहा हूं कि वहां उनकी एक प्रतिमा लगाई जाएगी। मैं इससे बिल्कुल राजी नहीं हूं।’