Friday, September 26

सेंसर बोर्ड की भूमिका संदेह के घेरे में।

इन दिनों बॉलीवुड से लेकर टीवी शो भी देश की जनता के निशाने पर है आयेदिन बॉलीवुड के राज उजागर हो रहे है ।बॉलीवुड की अश्लील हरकतों से तो समाज में पहले से ही रोष था ।अव जव देश के लोगों को यह मालूम चल रहा है ।कि जिन बॉलीवुड के कलाकारों को वो आदर्श मानते थे वो तो नशेड़ी है । इसके बाद तो मानों लोगों का भ्रम ही टूट गया हो।

पर बॉलीवुड अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा वो निरंतर सनातन धर्म ओर राष्ट्रवाद को निशाना बना रहा है । ओर उनके इस घिनौने मनसूबों को सेंसर बोर्ड अपनी मौन सहमति दे रहा है ये कैसे हो सकता है बगैर सेंसर बोर्ड की अनुमति के ऐसी पिक्चर य उनके सीन य फिर नाम दिखाये जायें जिससे देश का तानाबाना खराब हो य फिर किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों । इस तरह का कार्य वर्षों से किया जा रहा है ।ओर आज भी जारी है ।

देश के अंदर आज जो गंदगी दिखाई दे रही है । उसका सिर्फ और सिर्फ बॉलीवुड ही जिम्मेदार है अश्लीलता अपराध शराब माफिया देश विरोधी विचारधारा ये सव इसी इंडस्ट्री की गंदगी है। सेंसर बोर्ड की भूमिका हमेशा से संदेह में रही है अक्सर हिंदू धर्म का मजाक इन फिल्म इंडस्ट्री बालों द्वारा बनाया जाता रहा है ओर सेंसर बोर्ड चुप रहा है यदि सेंसर बोर्ड अपनी भूमिका सही निभाता तो एक औरत दो दो पति रखने वाले सीरियल नहीं बनते ।

अव समय आ गया है जिस सेंसर बोर्ड को फिल्मों पर कैंची चलाने का अधिकार था अव उसी सेंसर बोर्ड पर कैंची चलनी चाहिए ।