Friday, September 26

गिद्धों जैसे टूट पड़े योगी पर ।

गजब की राजनीति सिर्फ मौके का ही इंतजार रहता है जैसे ही मौका मिला ओर गिद्धों की तरह टूट पढ़ते है ओर इस गिद्ध जमात में हमारे पत्रकार भी शरीक हो जाते हैं। हम यूपी की राजनीति की बात कर रहे है घटना घटी उसकी प्रक्रिया है सही है गलत है उसकी जांच होनी चाहिए पर ऐसा माहौल बना दिया जाता है जैसे एक दिन में ही न्याय हो जाये । ओर यदि तेलंगाना जैसा एक दिन में न्याय हो जाये तो वहां भी आपत्ति है । अरे भाई चाहते क्या हो कव तक अपनी दुकानें चलाओगे ।

जो घटना घटी है वह कहीं से सही नहीं कही जा सकती ओर जो प्रशासन की भूमिका रही वह भी सही नहीं कही जा सकती पर जो राजनीति चल रही है उसे भी सही नहीं ठहराया जा सकता । पत्रकारों का रवैया तो स्वयं न्यायाधीशों वाला हो चुका है इसलिए उनके विषय में कुछ भी कहना ठीक नहीं पर जो कुछ हो रहा है वह सिर्फ राजनीति है ओर कुछ नहीं ।