Thursday, September 25

बच्चों के भबिष्य से खिलबाड़ है। नीट ओर जेईई पर राजनीति।

आखिर राजनैतिक पार्टियां चाहती क्या है । क्या हर बात पर राजनीति करना जरूरी है । क्या छात्रों के भबिष्य को भी राजनीति कि भेंट चढ़ाना चाहती हैं। नीट ओर जेईई कि परीक्षाओं को क्यों टलवाना चाहती हैं ।उन्हें नहीं लगता कि समय अमूल्य है वो लोटकर नहीं आयेगा । कोरोना का भय दिखाकर परीक्षा टालने बाली बात कहीं से भी तर्क संगत नहीं लगती ।

राजनैतिक पार्टियों कि मजबूरी कहें , मुद्दों के आभाव मे वह यह भूल ही जाते है की किस बात पर राजनीति करनी है ओर किस बात पर नहीं । इसीलिये विवाद की स्थिति निर्मित होती है ओर बात बात में सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाते है ।

अव नीट ओर जेईई की परीक्षा को ही ले लीजिये इसे न कराने के लिए कितने तरह के तर्क दिए जा रहे है ओर कोरोना का भय दिखाया जा रहा है ।जबकि दारु की दुकान से लेकर कई तरह की सेवाओं को संचालित किया जा रहा है ।कहने का मतलब यह है कि छात्रों के भबिष्य को भी राजनैतिक लोग दाव पर लगा देते हैं । होना यह चाहिए था कि यह कहते हम परीक्षा के दौरान बच्चों को हर तरह से सुरक्षित रखेंगे पर ऐसा कैसे हो सकता है ।राजनीति के लिए भी तो कुछ मसाला चाहिए।