
इसे विडंबना ही कहिए एक पिता अपने पुत्र की चिंता करता रहा ओर उसकी चिंता करते करते उसने मदद की गुहार सभी से लगाई पर किसी ने भी उस बेबस पिता की गुहार नहीं सुनीं महाराष्ट्र की मायानगरी की ऐसी माया है उस मायानगरी में भावनाओं का कहीं स्थान नहीं दिखा । आखिरकार सुशांत सिंह की मौत हो गई । ओर मौत की वजह जानने के लिए पूरा देश परेशान है पर महाराष्ट्र की अगाडी सरकार की संवेदनहीनता उसमें भी उन्हें तकलीफ है ।
आखिर महाराष्ट्र सरकार में साथ शरद पवार जैसे बुजुर्ग नेता को तो आगे आना चाहिए ओर एक पिता को उसके पुत्र की मौत से सच्चाई से रूबरू कराना चाहिए । क्योंकि सुशांत की मौत से महाराष्ट्र सरकार की ओर मुम्बई पुलिस की छवि खराब हुई है । जहां एक ओर पुलिस की जांच पर सबाल उठ रहे है तो महाराष्ट्र सरकार की भूमिका पर भी संदेह गहराता जा रहा है । ऐसे मे एक बुजुर्ग होने के नाते शरद पवार जी को आगे आ कर निष्पक्ष जांच की मांग करनी चाहिए ।