सुशांत सिंह की मौत भी कहीं पहेली वनकर न रह जाये ।जिस तरह से जांच चल रही है उसकी शिथिलता को देखकर लग रहा है की यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ही किसी दबाव में न दव जायें। फिल्म इंडस्ट्री मे अभी तक न जाने कितने अपराध हो गये पर सव के सव रहस्य बनेंं हुए है दिव्य भारती, हो गुलशन कुमार, श्री देवी ,सुशांत सिंह की सेक्रेटरी के अलावा सुशांत सिंह स्वयं की मौत कु जांच बिल्कुल काले हिरण की हत्या जैसी चल रही. है ।

बढे ओर रसूखदार लोगों से सम्बंधों के चलते फिल्म इंडस्ट्री के अत्याचार की कहानी जगजाहिर है पर मजबूर ओर बगैर रसूख बालों के लिए यह अभिशाप है उन पर होनेवाले अत्याचारों के खिलाफ कोई कलाकार नहीं बोलता ।
यह वही फिल्मी कलाकार है जो देश के तमाम मुद्दों पर तख्ती लेकर न्याय की मांग करते है ओर जव किसी हिंदू कलाकार को न्याय चाहिए होता है तव शांत होकर बैठ जाते है।
आज साफ साफ उन कलाकारों के नाम लिये जा रहे है जो सुशांत सिंह को प्रताड़ित करते थे तभी भी पुलिस की चुप्पी ओर अन्य कलाकारों की बेरुखी समझ से परे है ।
सुशांत सिंह को यदि न्याय नहीं मिला तो आप ये मानकर चलिए की आने वाली पीढी इसका खामियाजा भुगतेगी ।ओर महाराष्ट्र पुलिस की भूमिका भी संदेह की वनी रहेगी।