नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस मुकुल मुद्गल कमिटी पर गुरूवार को फैसला सुनाया। स्पॉट फिक्सिंग मामले में 18 महीने बाद आए इस फैसले से बीसीसीआई में फैली गंदगी को दूर करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा सकता है। साथ ही आईपीएल के जरिए की जा रही गड़बडियों पर भी रोक लगेगी। आइए जानते हैं इस फैसले के बड़े प्रभाव:
1. बीसीसीआई आएगा आरटीआई के दायरे में
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 130 पन्नों के फैसले में साफ किया कि बीसीसीआई निजी संस्था नहीं है। वह भी देश में अन्य खेल संस्थाओं की तरह ही सार्वजनिक संस्था है। इस फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि अब बीसीसीआई को भी आरटीआई के तहत आना होगा। अभी तक बीसीसीआई खुद को स्ववित्त पोषित बताकर आरटीआई एक्ट के तहत आने का विरोध कर रही थी।
2.राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स होगी बाहर
बीसीसीआई ने एन श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सहमालिक राज कुंद्रा को सट्टेबाजी में लिप्त माना है। इस फैसले के बाद राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स पर आईपीएल से बाहर होने का खतर मंडराने लगा है। आईपीएल के 11.3 नियम के तहत अगर किसी फ्रैंचाइजी का अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो टीम को लीग से बाहर किया जा सकता है।
3. बढ़ेगी पारदर्शिता
इस फैसले से बीसीसीआई में पारदर्शिता बढ़ेगी। साथ ही बीसीसीआई में मौजूद विवादित हितों के टकराव का नियम भी हट सकता है। बीसीसीआई ने इस नियम पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे सबसे बड़ा विलेन बताया था। अभी तक इस नियम की आड़ में बीसीसीआई अधिकारी लाभ वाले पदों पर बैठे थे और आईपीएल टीमों में भी उनकी हिस्सेदारी थी।vourtsy patrikc
