Friday, September 26

लोगों को मरने के लिए गैस चैंबर में नहीं भेजा जाता-सुप्रीम कोर्ट

नईदिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सीवेज में सफाई के दौरान दम घुटने से होने वाली मौतों को लेकर चिंता जाहिर की। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘दुनिया का कोई भी देश अपने किसी नागरिक को मारने के लिए गैस चैंबर में नहीं भेजता है। इस वजह से हर महीने चार-पांच व्यक्तियों की मौत हो रही है।’’सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थिति को अमानवीय बताया,जहां लोगों को जरूरी सुरक्षा उपकरणों के बना ही सफाई के लिए चैंबर में उतार दिया जाता है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इस मामले में सरकार का पक्ष रखा।

सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल से सवाल किया कि सीवेज या मैनहोल में अंदर उतरकर सफाई करने वालों को मॉस्क और ऑक्सीजन सिलेंडर जैसे जरूरी उपकरण क्यों नहीं दिए जा रहे हैं। बेंच ने यह भी कहा कि संविधान में देश के हर नागरिक को समान बताया गया है, पर अधिकारियों द्वारा उन्हें समान सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।