Monday, September 22

परंपरा या अत्याचार: आदिवासियों में आज भी होता है लड़कों का खतना

3065_kenya-1बंगोमा। केन्या यहां हर साल अगस्त में लुहया आदिवासियों के बुकुसा समूह द्वारा खतने की परंपरा निभाई जाती है, जिसे लड़कों के पुरूषत्व में प्रवेश का प्रतीक माना जाता है। इस कार्यक्रम की तैयारी कुछ इस तरह शुरू होती है। कार्यक्रम के एक दिन पहले रात में परिवार के पुरूष सदस्य गाय को काटकर उसके मांस से लड़के के लिए कपड़े बनाते हैं। इसके साथ ही कार्यक्रम की शुरूआत की घोषणा होती है। परंपरा का हिस्सा बनने वाले 16 साल से उम्र वाले लड़के सबसे पहले नदी के ठंडे पानी में नहाते हैं। इसके बाद बिना किसी एनेस्थीसिया और दवा का इस्तेमाल किए खतने का कार्यक्रम होता है। माना जाता है कि पूरे कार्यक्रम के दौरान लड़के के चेहरे पर शिकन तक नहीं आनी चाहिए। दर्द जाहिर करना समुदाय में कमजोरी का प्रतीक माना जाता है। केन्या का बुकुसा आदिवासी समुदाय इस प्राचीन परंपरा को अब तक निभाता आ रहा है।