Tuesday, September 23

आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए इलाज की नहीं होगी कोई सीमा, कैंसर सर्जरी जैसे ट्रीटमेंट भी शामिल हुए शामिल

भोपाल। आयुष्मान कार्डधारकों को खून की नलियों में ब्लॉकेज होने पर जल्द एक ही बार में उनका इलाज हो सकेगा। यदि उन्हें दो स्टेंट डालने की जरुरत पड़ेगी तब भी एक बार भर्ती होने पर ही डाले जा सकेंगे। उन्हें दो बार अस्पताल नहीं जाना होगा। इसके लिए आयुष्मान के पैकेज में बदलाव किया जा रहा है। कैंसर के इलाज के नए पैकेज जोड़े जाएंगे, मौजूदा में भी बदलाव होगा। प्रदेश में शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए शिशु रोग संबंधी पैकेजों में भी बदलाव होगा। इससे ज्यादा बीमारियों में मरीजों को आयुष्मान कार्ड का लाभ मिलेगा। मप्र स्टेट हेल्थ अथॉरिटी ने हाल ही में विशेषज्ञों की बैठक बुलाई थी। इसमें कई पैकेजों में बदलाव पर सहमति बनी है। बदलाव की सिफारिशें केंद्र की नेशनल हेल्थ अथॉरिटी को भेजी गई हैं। आयुष्मान निरामयम मप्र के सीईओ डॉ. योगेश भरसट की मानें तो केंद्र से मंजूरी मिलते ही लागू किया जाएगा।

पिछले साल जुड़े थे 282 नए पैकेज

वर्ष 2024 में प्रदेश में आयुष्मान योजना में 282 नए स्वास्थ्य लाभ पैकेज और उपचार की 355 नई प्रक्रियाओं को शामिल किया गया। इनमें गंभीर सेप्टिक शॉक, पीईटी स्कैन और प्लेटलेट फेरेसिस शामिल हैं। इसी के साथ इस योजना में योजना में कवर किए गए इलाजों की संख्या 1,952 हो गई है। इतना ही नहीं, अच्छे अस्पतालों को जोड़ने कई प्रमुख ट्रीटमेंट की कीमत की सीमा भी बढ़ाई गई। बेहतर उपचार के लिए नई और एडवांस प्रोसेस, टेस्ट और दवाइयों को शामिल किया गया। इंटरर्वेशनल न्यूरोरेडियोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसे एडवांस ट्रीटमेंट शामिल किए गए। हाई रिस्क वाली गर्भावस्था, जैसे सिजेरियन हिस्टेरेक्टॉमी और गर्भाशय में होने वाली समस्याओं को शामिल किया था।

अभी यह मिल रहा था लाभ

अभी आयुष्मान कार्डधारकों को एक बार में सिर्फ एक स्टैंट डालने की अनुमति है। दो स्टेंट डालना हो तो मरीज को डिस्चार्ज कर दूसरी बार अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। इससे मरीजों को खासी परेशानी होती है। ऑन्कोलोजी या कैंसर के लिए भी अभी अधिकांश पैकेज जांचों से संबंधित हैं। सर्जरी और उपचार के नए पैकेज जोड़ने की सिफारिश की गई है। इसी प्रकार शिशुओं के सभी तरह के इलाज की व्यवस्था करने का प्रयास भी आयुष्मान के तहत किया जा रहा है। आयुष्मान कार्ड धारक संबद्ध अस्पतालों में 5 लाख तक का उपचार निः शुल्क करा सकते हैं।