Tuesday, September 23

एसआई भर्ती पेपरलीक मामले के 19 आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर न्यायाधीश गणेशराम मीणा ने 8 नवम्बर को सुनवाई पूरी कर ली थी, जिस पर फैसला सुनाया।

हाईकोर्ट के उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती-2021 मामले में यथास्थिति का आदेश 10 दिसम्बर तक बढ़ाने से पोस्टिंग अभी नहीं हो पाएगी। उधर, पेपरलीक मामले में हाईकोर्ट ने 10 प्रशिक्षु एसआई को जमानत दी, वहीं 9 अन्य आरोपियों को जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट के दोनों आदेश शुक्रवार को आए। एसआई भर्ती पेपरलीक मामले के 19 आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर न्यायाधीश गणेशराम मीणा ने 8 नवम्बर को सुनवाई पूरी कर ली थी, जिस पर शुक्रवार को फैसला सुनाया। कोर्ट से राहत पाने वाले 10 प्रशिक्षुओं पर आरोप था कि लिखित परीक्षा से एक से डेढ़ घंटे पहले मोबाइल पर पेपर पहुंच गया और आंसर-की पहले ही देख ली।

विशिष्ट लोक अभियोजक अनुराग शर्मा ने एसओजी की ओर से कोर्ट को बताया कि एक आरोपी के पिता ने किसान क्रेडिट कार्ड से 30 लाख रुपए ऋण लेकर पेपरलीक करने वालों को पैसा दिया। आरोपियों के पास पेपर के बदले दिए पैसों के हिसाब की पर्ची मिली।

हाईकोर्ट ने जमानत के आदेश में आरोपियों के पास पर्ची मिलने संबंधी एसओजी के कथन पर संदेह जताया। वहीं कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है। इसका उल्लेख करते हुए कोर्ट ने परीक्षा से पहले पेपर पाने वाले 10 आरोपियों को जमानत दी, जिन 9 आरोपियों की जमानत खारिज की, उनसे संबंधित आदेश में कोर्ट ने कहा कि स्ट्रॉग रूम से पेपर निकालकर उसकी फोटो लेने और अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का आरोप है। परीक्षा में डमी कैंडिडेट की व्यवस्था की। इनका इरादा धन कमाना रहा हो सकता है। ऐसे में जमानत नहीं दी जा सकती।