
दिन प्रतिदिन दिल्ली की हवा जहर बनती जा रही है। दिल्ली में रह रहे लोगों का सांस लेना जोखिम भरा साबित हो रहा है। दिल्ली में हवा की क्वालिटी का स्तर बद से बदतर हो गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी (AQI) 500 चला गया है। बढ़ते प्रदूषण पर रोकथाम के लिए कई प्रयास किए जा रहे है। दिल्ली NCR की ऐसी हालत के लिए दिल्ली सरकार तो प्रयास कर ही रही है साथ ही भारत सरकार (Central Government) द्वारा भी कुछ प्लानिंग की जा रही है। दिल्ली में बढ़ रहे पॉल्यूशन के लिए दिल्ली सरकार ने हाल ही में केंद्र सरकार से आर्टिफिशियल रेन करवाने की अनुमति मांगी। आर्टिफिशियल रेन यानी कृत्रिम बारिश से स्मोग तो हटा सकते है। लेकिन यह तभी संभव है जब आसमान में बादल मौजूद हो और फिलहाल दिल्ली का मौसम साफ है।
दिल्ली में पॉल्यूशन की स्थिति को देखते हुए सरकार ने ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान का चौथा चरण लागू कर दिया है। इसके लागू होते ही दिल्ली में होने वाले सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। दिल्ली में ट्रक और भारी वाहनों की एंट्री रोक दी है, सिर्फ जरूरी वाहनों को एंट्री दी जा रही है। साथ ही दिल्ली सरकार ने स्कूल कॉलेज को ऑनलाइन मोड पर कर दिया है और सरकारी दफ्तरों के कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
अगर केंद्र सरकार की बात करें तो पहले से ही एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए कई सारे कदम उठा रही है। केंद्र सरकार ने एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम शुरू किया था। जिसमें 102 शहरों को शामिल किया। जिसमें दिल्ली का भी नाम था। दिल्ली में पॉल्यूशन तो रोकने के लिए सरकार ने समीर एमपी लॉन्च की है जो एयर पॉल्यूशन करने वाली किसी भी गतिविधि की शिकायत करने के लिए है।