Tuesday, September 23

जयपुर की आबोहवा भी बेहद खराब होती जा रही है।

दिल्ली ही नहीं, प्रदेश के कई शहरों की आबोहवा भी खराब से बेहद खराब हो गई है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी महसूस हो रही है, वहीं स्मॉग छाने से दृश्यता भी कम नजर आ रही है। दिनों-दिन यह परेशानी बढ़ती जा रही है। राजधानी जयपुर के साथ भिवाड़ी, सीकर, श्रीगंगानगर,कोटा, टोंक व हनुमानगढ़ सहित कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 250 से 400 को पार कर गया।

जयपुर की आबोहवा भी बेहद खराब होती जा रही है। दिनो-दिन यहां वायु प्रदूषण का स्तर बिगड़कर ‘खराब से बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 200 से 300 के तक स्तर पर पहुंच गया। स्वस्थ लोगों के लिए भी यह हवा बेहद खराब होती है।

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ऑनलाइन डाटा मॉनिटरिंग के अनुसार जयपुर में पिछले 5 दिन में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। यह मध्यम श्रेणी से बढ़कर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया। 16 नवंबर को एक्यूआइ 188 था, वह 17 नवंबर को बढ़कर 179 हो गया। 18 नवंबर को यह खराब श्रेणी में पहुंच गया, इस दिन एक्यूआइ 210 रहा, जो 19 नवंबर को बढ़कर 220 हो गया। बुधवार को जयपुर का औसत एक्यूआइ 251 तक पहुंच गया, जबकि सबसे अधिक एक्यूआइ 300 तक दर्ज हुआ। वहीं सीतापुरा, मानसरोवर व मुरलीपुरा में पीएम-2.5 और पीएम-10 का स्तर 400 को पार कर गया, जो गंभीर श्रेणी है। एनसीआर से जुड़े 5 जिलों अलवर, भरतपुर, डीग, तिजारा-खैरथल और बहरोड-कोटपूतली में खनन, क्रेशर स्टोन पर काम, ईंट-भट्टे बंद कर दिए गए हैं। फ्लाइओवर, सड़क निर्माण के साथ अन्य विकास कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है। इसके अलावा तिजारा-खैरथल में पहली से पांचवीं तक के बच्चों की छुट्टी के निर्देश जारी किए गए हैं।

इसके लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने शिक्षा विभाग, खनन विभाग, परिवहन विभाग के अलावा रीको व इंडस्ट्रीज को निर्देश जारी किए है।